
म्यांमार में आए भीषण भूकंप ने तबाही मचाई हुई है। शुक्रवार को आए इस विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या 3,145 से ज्यादा हो गई है, जबकि 4,589 लोग घायल हो चुके हैं। इसके अलावा, 221 लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। इस आपदा में पांच चीनी नागरिकों की भी मौत हुई है और 13 अन्य घायल हुए हैं।
भूकंप की तीव्रता और नुकसान
शुक्रवार को आए इस भूकंप की तीव्रता 7.7 थी, जिसने म्यांमार और थाईलैंड में भारी तबाही मचाई। म्यांमार में कई ऐतिहासिक मंदिर और इमारतें जमींदोज हो चुकी हैं। शहरों और गांवों में मकान ढह गए हैं, जिससे बड़ी संख्या में लोग मलबे में दब गए हैं।
राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है। बचाव दल मलबे से लोगों को निकालने में जुटे हुए हैं। प्रशासन के मुताबिक, अभी और लोगों के दबे होने की आशंका है, जिससे मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।
भारत समेत कई देश कर रहे मदद
इस विनाशकारी स्थिति में भारत सहित कई देश म्यांमार की मदद के लिए आगे आए हैं। भारत ने 60 टन राहत सामग्री और मेडिकल टीम म्यांमार भेजी है, ताकि ज़रूरतमंद लोगों को दवाएं और चिकित्सा सुविधा मिल सके।
भूकंप के झटके दूर-दूर तक महसूस हुए
म्यांमार में आए इस भीषण भूकंप के झटके थाईलैंड, बांग्लादेश और भारत तक महसूस किए गए। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में भी कंपन दर्ज किया गया, हालांकि वहां कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
भविष्य के लिए सतर्कता ज़रूरी
विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्षेत्र में भूकंप की संभावना बनी हुई है, इसलिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह क्षेत्र एक भूकंपीय ज़ोन में आता है, जहां भविष्य में भी भूकंप की आशंका बनी रह सकती है।
मदद और राहत कार्यों की ज़रूरत
म्यांमार में इस त्रासदी से प्रभावित लोगों को अभी भी बड़ी मात्रा में खाद्य सामग्री, दवाइयों और अस्थायी आश्रय की जरूरत है। सरकारें और राहत एजेंसियां अपनी पूरी कोशिश कर रही हैं, लेकिन ज़मीनी हालात अभी भी चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं।
म्यांमार में आया यह भूकंप पिछले कई दशकों में सबसे विनाशकारी साबित हुआ है। हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, और अनगिनत परिवार बेघर हो गए हैं। पूरी दुनिया से म्यांमार को मदद मिल रही है, लेकिन अभी भी राहत और पुनर्वास कार्यों में समय लगेगा। इस आपदा ने एक बार फिर दिखाया कि प्राकृतिक आपदाओं के लिए पहले से तैयारी करना कितना ज़रूरी है।