
जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के धर्मकुंड क्षेत्र में रविवार सुबह अचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचा दी। इस हादसे में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि एक व्यक्ति लापता है। बाढ़ के कारण कई घरों को नुकसान पहुंचा है और सैकड़ों लोग संकट में फंस गए हैं। प्रशासन और रेस्क्यू टीमें राहत कार्य में जुटी हैं और अब तक करीब 100 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है।
भारी बारिश से नाले में उफान, गांव में घुसा पानी
स्थानीय लोगों और प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, बीती रात से हो रही मूसलधार बारिश के चलते क्षेत्र में एक बड़ा नाला उफान पर आ गया। सुबह अचानक पानी ने रफ्तार पकड़ी और धर्मकुंड गांव के चेनाब पुल के पास बहते हुए रिहायशी इलाकों में घुस गया। बाढ़ का पानी इतनी तेजी से आया कि लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला और पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
100 से ज्यादा घर पूरी तरह बह गए
प्रभावित क्षेत्र से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, बाढ़ में करीब 100 घर पूरी तरह से बह गए हैं। इसके अलावा 25 से 30 घरों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। कई लोगों के पास भागने का भी समय नहीं था, जिस कारण वे अपने घरों में ही फंसे रह गए। कुछ घरों की छतों पर चढ़कर लोगों ने अपनी जान बचाई, जिन्हें रेस्क्यू टीमों द्वारा निकाला गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, 100 लोग बचाए गए
प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया है। बचाव दल लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं। अब तक लगभग 90 से 100 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। राहत कैंपों की व्यवस्था की जा रही है और प्रभावितों को खाने-पीने की चीजें भी मुहैया कराई जा रही हैं।
प्रशासन ने लोगों को किया सतर्क
रामबन जिले के डिप्टी कमिश्नर ने खराब मौसम को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर जानकारी साझा करते हुए लिखा कि जिले में भारी बारिश और बाढ़ की आशंका को देखते हुए सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे सतर्क रहें और प्रशासन की ओर से जारी की गई सुरक्षा गाइडलाइंस का पालन करें। किसी भी आपात स्थिति में लोग जिला नियंत्रण कक्ष के हेल्पलाइन नंबर 01998-295500 या 01998-266790 पर संपर्क कर सकते हैं।
आगे भी बारिश का अनुमान
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक क्षेत्र में भारी बारिश की चेतावनी दी है। ऐसे में प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों, नालों और ढलानों के पास न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ और पुलिस टीमें सतर्कता से निगरानी कर रही हैं।
यह हादसा एक बार फिर दिखाता है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए समय पर चेतावनी और सतर्कता बेहद जरूरी है। प्रशासन की तत्परता और लोगों का सहयोग ही ऐसे संकट में जान बचाने में मददगार साबित हो सकता है।