
पंजाब सरकार की ‘युद्ध नशों के खिलाफ’ मुहिम लगातार ज़ोर पकड़ रही है। इसी अभियान को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक बार फिर कड़े शब्दों में नशे के खिलाफ जंग का ऐलान किया है। जालंधर में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक लोग खुद इस लड़ाई में पहरेदार नहीं बनेंगे, तब तक कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा, “हमें सिर्फ आपके साथ की ज़रूरत है। अगर पंजाब की जनता साथ खड़ी हो जाए, तो कुछ ही महीनों में ‘रंगला पंजाब’ वापस लौट आएगा।” उन्होंने जनता से अपील की कि अगर गांव में कोई व्यक्ति नशा करता या बेचता पकड़ा जाता है, तो उसकी ज़मानत के लिए कोई आगे न आए। और अगर कोई उसे बचाने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
नशा छोड़ो, पंजाब बचाओ
सीएम भगवंत मान ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि हर पंजाबवासी की है। उन्होंने बताया कि सरकार हर गांव, हर वार्ड और हर मोहल्ले को नशा मुक्त बनाने का संकल्प लेकर चल रही है। इसके लिए ‘नशा मुक्ति यात्रा’ शुरू की गई है, ताकि हर व्यक्ति तक ये संदेश पहुंचे कि नशे से दूर रहना ही असली वीरता है।
पानी पर हरियाणा से विवाद, भगवंत मान का बयान
अपने भाषण के दौरान मुख्यमंत्री ने BBMB (ਭਾਖੜਾ ਬੀਅਸ ਮੈਨੇਜਮੈਂਟ ਬੋਰਡ) को लेकर पंजाब-हरियाणा के बीच चल रहे जल विवाद पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि हरियाणा पहले ही अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल कर चुका है। अब उसे 21 मई तक इंतजार करना होगा। उसके बाद उसे नए कोटे के अनुसार पानी मिलेगा। “पहले वाला ज़माना अब चला गया। अब किसी को भी पंजाब के हक पर हाथ नहीं डालने देंगे,” मान ने कहा।
“पानी हमारी जीवनरेखा है”
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में पानी को लेकर कई बार हत्या तक हो जाती है, क्योंकि यहां पानी की स्थिति गंभीर है। उन्होंने सवाल उठाया, “जब हमारे पास खुद पानी नहीं है, तो हम दूसरों को कैसे दे सकते हैं?” उन्होंने दो टूक कहा कि पानी हमारी लाइफलाइन है और इस संसाधन को बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है।
पुरानी सरकारों पर निशाना
भगवंत मान ने पूर्व सरकारों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने जनता के हित में कोई बड़ा फैसला नहीं लिया और न ही पंजाब के लिए कुछ ठोस किया। नशे की जड़ें भी इन्हीं सरकारों की देन हैं। लेकिन अब जनता ने उन्हें वोटों के ज़रिए सबक सिखा दिया है।
“खजाना खाली” की राजनीति खत्म
मान ने कहा कि उन्हें सत्ता संभाले साढ़े तीन साल हो चुके हैं, लेकिन उन्होंने कभी नहीं कहा कि खजाना खाली है। “अगर नीयत साफ हो, तो खजाने कभी खाली नहीं होते। हमारे पास संसाधन हैं और हम उनका सही इस्तेमाल कर रहे हैं,” उन्होंने भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री भगवंत मान का यह भाषण पंजाब को नशे से मुक्त और जल संकट से उबरने के मजबूत इरादे को दर्शाता है। उनका कहना है कि अगर हर पंजाबी इस अभियान का हिस्सा बन जाए, तो पंजाब फिर से खुशहाल, स्वच्छ और ‘रंगला’ बन सकता है।