
पंजाब विधानसभा में कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने अकाल तख्त साहिब पर जत्थेदारों की नियुक्ति को लेकर बड़ा मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हर सिख अकाल तख्त साहिब के आगे सिर झुकाता है, लेकिन हाल ही में जत्थेदारों को रातों-रात हटाने और नए जत्थेदारों की नियुक्ति को लेकर सिख समाज में गहरी चिंता है।
जत्थेदारों की नियुक्ति पर उठे सवाल
हरजोत बैंस ने कहा कि जिस तरह से जत्थेदारों को हटाया और बदला जाता है, उस पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों को लग रहा है कि इसके पीछे राजनीतिक दबाव हो सकता है। उन्होंने यह भी साफ किया कि यह मुद्दा न तो सरकार से जुड़ा है और न ही विधानसभा से, बल्कि यह सीधे सिख समाज से जुड़ा एक गंभीर मामला है।
सिख समाज के लिए चिंताजनक स्थिति
मंत्री बैंस ने कहा कि इस विषय पर विचार-विमर्श जरूरी है। उन्होंने सवाल उठाया कि एक सिख होने के नाते हम इस स्थिति में क्या कदम उठा सकते हैं? उन्होंने सुझाव दिया कि जत्थेदारों की नियुक्ति को लेकर कोई पारदर्शी प्रक्रिया होनी चाहिए, ताकि सिख समाज को विश्वास हो कि यह फैसले बिना किसी दबाव के लिए जा रहे हैं।
क्या हो सकता है हल?
बैंस ने विधानसभा में इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा की और कहा कि यह हर सिख की आस्था और भावनाओं से जुड़ा मामला है। इसलिए, इस पर सिख संगत को खुलकर विचार करना चाहिए। उन्होंने मांग की कि जत्थेदारों की नियुक्ति का कोई स्थायी और निष्पक्ष तरीका अपनाया जाए, ताकि सिख समाज को हर बार इस तरह की चिंता न हो।
सिख संगत में बढ़ रही चर्चा
अकाल तख्त साहिब सिखों की सबसे ऊंची धार्मिक संस्था है, और इसके जत्थेदारों की नियुक्ति को लेकर उठते सवालों ने सिख समाज में एक नई बहस छेड़ दी है। अब देखना यह होगा कि इस मुद्दे पर आगे क्या फैसला लिया जाता है।