पंजाब में “50 ग्रेनेड” बयान पर मचा बवाल, प्रताप सिंह बाजवा के घर पहुंची पुलिस, खुद रखी अपनी बात

पंजाब की राजनीति में उस समय हलचल मच गई जब कांग्रेस नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में दावा किया कि पंजाब में 50 ग्रेनेड आ चुके हैं, जिनमें से 18 का इस्तेमाल हो चुका है। इस बयान के बाद प्रदेश में सियासी तूफान खड़ा हो गया है। अब इस मामले में बाजवा की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि पंजाब पुलिस आज पूछताछ के लिए उनके चंडीगढ़ स्थित घर पहुंची।
प्रताप बाजवा ने मीडिया से बात करते हुए साफ किया कि उन्होंने यह जानकारी अपने निजी सूत्रों के आधार पर दी थी, जो कि राज्य और केंद्र की एजेंसियों से जुड़े हैं। बाजवा ने कहा, “मेरे पास सूचना थी कि पंजाब में हालात खराब हो रहे हैं। मुझे बताया गया कि 50 ग्रेनेड पंजाब में पहुंचे हैं और इनमें से 18 का उपयोग हो चुका है, जिनमें एक विस्फोट मनोरंजन कालिया के घर भी हुआ। मेरे सूत्रों ने कहा कि पंजाब सरकार की कानून व्यवस्था अब काबू में नहीं है। यहां तक कि उन्होंने मेरी सुरक्षा को लेकर भी चेतावनी दी।”
बाजवा ने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य डर फैलाना नहीं था बल्कि सरकार को अलर्ट करना था। उन्होंने कहा, “मैंने तो मदद करनी चाही। मैंने सूचना दी कि हालात गंभीर हो सकते हैं, ताकि प्रशासन सचेत हो जाए। लेकिन अब पुलिस मेरे घर आकर पूछताछ कर रही है। मैंने साफ कह दिया कि मैं अपने सूत्रों का नाम नहीं बताऊंगा।”
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस बयान को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक वीडियो साझा कर कहा कि प्रताप बाजवा को यह स्पष्ट करना होगा कि उन्हें ये जानकारी कहां से मिली। अगर वह इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते कि 50 ग्रेनेड कहां हैं, तो यह झूठी जानकारी फैलाना माना जाएगा और उन पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि अगर बाजवा को यह जानकारी पहले से थी, तो उन्होंने पंजाब पुलिस को क्यों नहीं बताया? क्या वह किसी हादसे का इंतजार कर रहे थे ताकि बाद में राजनीति की जा सके? उन्होंने कहा कि यदि यह दावा झूठा है, तो यह पंजाब की शांति और जनता की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है।
भगवंत मान ने कहा, “राज्य में इस तरह की अफवाहें फैलाना गंभीर अपराध है। बाजवा और कांग्रेस पार्टी को सामने आकर स्पष्ट करना होगा कि ग्रेनेड कहां हैं, नहीं तो बाजवा के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।”
प्रताप बाजवा का कहना है कि यदि सरकार को उनके बयान से आपत्ति है तो वे कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन उन्होंने जो कहा वह जिम्मेदारी के साथ और प्रदेश के हित में कहा। अब देखना यह है कि पुलिस की पूछताछ और सरकार की प्रतिक्रिया के बाद यह मामला किस दिशा में जाता है।
इस पूरे मामले ने पंजाब की राजनीति को गर्मा दिया है और सुरक्षा व्यवस्था, खुफिया जानकारी की प्रक्रिया, और राजनीतिक बयानबाजी को लेकर कई अहम सवाल खड़े कर दिए हैं।