
पंजाब सरकार ने करप्शन के खिलाफ अपनी कड़ी कार्रवाई जारी रखते हुए विजीलेंस ब्यूरो के प्रमुख को हटा दिया है। यह कदम हाल ही में जारी किए गए पंजाब सरकार के आदेश का हिस्सा है, जिसमें सभी विभागों के प्रमुख, डीसी और एसएसपी को साफ निर्देश दिया गया था कि किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
17 फरवरी 2025 , पंजाब सरकार ने एक अहम प्रशासनिक बदलाव करते हुए श्री जी. नागेश्वर राव (IPS, RR:1995) को विजिलेंस ब्यूरो पंजाब का मुख्य निदेशक नियुक्त किया है। इससे पहले यह पद श्री वरिंदर कुमार (IPS, RR:1993), विशेष डीजीपी, के पास था। अब श्री वरिंदर कुमार को विजिलेंस ब्यूरो के मुख्य निदेशक पद से मुक्त कर दिया गया है और उन्हें पंजाब पुलिस के डायरेक्टर जनरल के पास रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है।
यह आदेश पंजाब सरकार के गृह विभाग द्वारा जारी किया गया। । इस बदलाव का उद्देश्य पुलिस और प्रशासन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ावा देना है। विजीलेंस चीफ का हटाया जाना इस संदर्भ में एक बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है, जिससे सरकार का यह संदेश है कि वह किसी भी भ्रष्टाचार को सहन नहीं करेगी और सख्ती से निपटेगी।
विजिलेंस ब्यूरो के कार्य और महत्व
विजिलेंस ब्यूरो पंजाब का प्रमुख कार्य राज्य में भ्रष्टाचार और अन्य आपराधिक गतिविधियों की जांच करना है। ब्यूरो के पास पुलिसकर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करने का अधिकार होता है। यह संस्था राज्य के विकास और कानून-व्यवस्था में सुधार के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
श्री जी. नागेश्वर राव की नई जिम्मेदारी के तहत उनका मुख्य कार्य विभागीय भ्रष्टाचार पर काबू पाना और पुलिस तंत्र में निष्पक्षता लाना होगा। साथ ही, वह विजिलेंस ब्यूरो को और प्रभावी बनाने के लिए नई नीतियों और उपायों को लागू करेंगे।
यह बदलाव पंजाब पुलिस और प्रशासन के लिए एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है, जो राज्य में अपराध और भ्रष्टाचार पर कड़ी निगरानी रखेगा। इसके अलावा, इस कदम से पंजाब पुलिस की कार्यशैली में सुधार और नागरिकों के बीच विश्वास बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
पंजाब सरकार का भ्रष्टाचार के खिलाफ ZERO TOLERANCE
यह कदम पंजाब सरकार की करप्शन के खिलाफ की जा रही लगातार कोशिशों का हिस्सा है। आने वाले समय में भी पंजाब सरकार और कड़ी कार्रवाई कर सकती है ताकि राज्य में प्रशासनिक और सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाई जा सके। यह फैसला पंजाब में शासन व्यवस्था को सुधारने और आम जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। इस तरह की कड़ी कार्रवाई से भ्रष्टाचार के मामलों में कमी आने की उम्मीद है।