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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश के बाद अमेरिका ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। इस अभियान के तहत कई युवा वापस अपने देशों में लौट रहे हैं। हाल ही में एक युवक, अकाशदीप, जो अमृतसर के गांव रजाताल का रहने वाला है, अवैध रूप से अमेरिका भेजे जाने के बाद वापस भारत लौट आया है।
परिवार ने सपना देखा था बड़ा
अकाशदीप के पिता स्वर्ण सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे के बेहतर भविष्य के लिए काफी कर्ज लिया था। अकाशदीप का सपना था कि वह अमेरिका जाकर अपने परिवार की स्थिति को सुधार सके। स्वर्ण सिंह ने अपनी ज़मीन, गहने और बैंक से कर्ज लेकर बेटे को विदेश भेजने का फैसला किया। उनका मानना था कि अकाशदीप अगर अमेरिका चला जाएगा तो वह यहां की कठिनाइयों से बाहर निकल सकेगा।
अकाशदीप ने दुबई में एक एजेंट से संपर्क किया था, और उस एजेंट ने उसे डंकी रूट (अवैध तरीके से) अमेरिका भेजने का वादा किया। इसके लिए पूरे परिवार ने करीब 60 लाख रुपये खर्च किए। स्वर्ण सिंह ने अपनी छह कनाल ज़मीन बेच दी और डेढ़ एकड़ ज़मीन गहनों के रूप में रख दी। उनका सपना था कि उनका बेटा विदेश में सफलता हासिल करेगा और घर की हालत बेहतर करेगा।
धोखाधड़ी और निराशा
स्वर्ण सिंह ने बताया कि अकाशदीप पहले दुबई गया था, जहां एजेंट ने उसे अमेरिका जाने के लिए कहा। अकाशदीप ने यह भी कहा कि यदि वह अमेरिका जा सकेगा, तो वह इस पैसे को वापस कर देगा। लेकिन एजेंट ने धोखा देते हुए उसे डंकी रूट से अमेरिका भेज दिया। अब अकाशदीप डिपोर्ट होकर भारत लौट आया है, और उसके परिवार की उम्मीदों को गहरी चोट पहुंची है।
स्वर्ण सिंह ने बताया कि उनका बेटा 12वीं तक पढ़ाई करने के बाद विदेश भेजा गया था, ताकि वह नशे की लत या बुरी संगत में न फंसे। लेकिन अब वह इस स्थिति से दुखी हैं, क्योंकि उनका सपना टूट गया और उनका बेटा वापस लौट आया।
कानूनी और सामाजिक समस्याएं
यह घटना अवैध प्रवास और धोखाधड़ी के मामलों की बढ़ती संख्या को दर्शाती है, जहां लोग बेहतर जीवन की तलाश में धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। अमेरिका से डिपोर्ट हो रहे प्रवासियों के रुझान बढ़ रहे हैं, और यह उन परिवारों के लिए एक कड़ी सजा की तरह है जो भविष्य की उम्मीद में अपने सभी संसाधन लगा देते हैं।
स्वर्ण सिंह और उनके परिवार के लिए यह एक बहुत बड़ा धक्का है, और यह एक चेतावनी भी है कि अवैध प्रवासन के रास्ते हमेशा आसान नहीं होते।