उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में ज़िला कोर्ट में मंगलवार को एक बड़ी अप्रिय घटना घटी जब वकीलों और ज़िला जज के बीच ज़मानत के एक मामले की सुनवाई के दौरान विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षों के बीच बहस ने झगड़े का रूप ले लिया। मामले की गहमागहमी इतनी बढ़ गई कि पुलिस को मौके पर लाठीचार्ज करना पड़ा। इस घटना ने कोर्ट परिसर में हलचल मचा दी और बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात करना पड़ा।
कैसे हुआ विवाद?
यह घटना तब शुरू हुई जब ज़िला कोर्ट में एक व्यक्ति की ज़मानत याचिका पर सुनवाई हो रही थी। सुनवाई के दौरान जज और वकील के बीच किसी मुद्दे को लेकर बहस शुरू हो गई। बहस इतनी बढ़ गई कि कोर्ट का माहौल तनावपूर्ण हो गया। विवाद के बीच, वकीलों ने आरोप लगाया कि जज की ओर से कुछ कठोर शब्दों का इस्तेमाल किया गया, जिसके बाद माहौल और गरमा गया। मामले को शांत करने के प्रयास में पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा, लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और अंततः झगड़ा हो गया।
वकीलों का आरोप
वकीलों ने दावा किया कि जब विवाद बढ़ा तो पुलिस ने ज़िला कोर्ट का दरवाजा बंद कर दिया और वकीलों को घेरकर उन पर लाठीचार्ज किया। वरिष्ठ वकील नाहर सिंह यादव के मुताबिक, लाठीचार्ज के दौरान कई वकीलों को गंभीर चोटें आई हैं। वकीलों का आरोप है कि पुलिस ने जज के इशारे पर कार्रवाई की और उन्हें बिना किसी कारण के चोट पहुंचाई। वकील संघ ने इस घटना पर कड़ा विरोध जताते हुए इसे न्याय व्यवस्था पर हमला करार दिया।
लाठीचार्ज के बाद बढ़ा विरोध
लाठीचार्ज के बाद वकीलों में गुस्सा और भी बढ़ गया। विरोध में वकीलों ने कोर्ट परिसर में हंगामा किया और जज के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कोर्ट परिसर में तनावपूर्ण माहौल के कारण, अन्य मामलों की सुनवाई भी बाधित हुई। घटना के विरोध में वकीलों ने कामकाज ठप करने की चेतावनी दी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इस घटना को पुलिस द्वारा की गई ज्यादती करार दिया और इस पर न्याय की मांग की।
जजों का रुख
इस घटना के बाद ज़िला कोर्ट के जजों ने भी विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि वकीलों का आचरण अनुशासनहीन और असंवेदनशील था। जजों ने कोर्ट की गरिमा को बनाए रखने के लिए वकीलों से संयमित आचरण की अपील की है। उनका कहना है कि अदालत परिसर में सभी को सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए।
पुलिस की तैनाती और सुरक्षा इंतजाम
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वे मामले की जांच कर रहे हैं और मामले को संभालने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। गाज़ियाबाद पुलिस का कहना है कि इस घटना में सभी पहलुओं की जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
घटना का असर
इस घटना का असर न्याय व्यवस्था पर भी पड़ा है। वकील संघ ने इस घटना के बाद विरोध स्वरूप कार्य बहिष्कार की धमकी दी है, जिससे आने वाले दिनों में कोर्ट की कार्यवाही प्रभावित हो सकती है। वकील संघ का कहना है कि जब तक उनके साथ न्याय नहीं किया जाता, तब तक वे अपनी मांगों पर अड़े रहेंगे। दूसरी ओर, ज़िला कोर्ट प्रशासन और पुलिस प्रशासन भी मामले की गंभीरता को देखते हुए संयम से स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं।