
पंजाब सरकार ने अब नागरिकों को ट्रांसपोर्ट सेवाओं में तेज़ी और पारदर्शिता देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। माली विभाग के बाद अब ट्रांसपोर्ट विभाग को भी यह आदेश दिया गया है कि 25 अप्रैल 2025 तक सभी लंबित नागरिक सेवाओं का समाधान कर दिया जाए।
ट्रांसपोर्ट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने इस संबंध में विभाग के सभी ज़िम्मेदार अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। उनका कहना है कि वाहन संबंधी सेवाएं और ‘सार्थी’ पोर्टल से जुड़ी सभी नागरिक सेवाएं जल्द से जल्द पूरी की जाएं ताकि लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
डोरस्टेप डिलीवरी के ज़रिए 20 सेवाएं घर बैठे उपलब्ध
अब पंजाब में लोग आर.टी.ओ. ऑफिस के चक्कर लगाए बिना ही कई सेवाएं घर बैठे प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए सरकार ने कॉल सेंटर नंबर 1076 की शुरुआत की है। इस हेल्पलाइन के ज़रिए लोग 20 अहम सेवाओं का लाभ अपने घर पर ही ले सकते हैं।
इस पहल का उद्देश्य आम लोगों को सुविधा देना है ताकि उन्हें सरकारी दफ्तरों में बार-बार न जाना पड़े और उन्हें समय की बचत हो।
ई-सेवा केंद्र और व्हाट्सऐप चैटबॉट भी जल्द
पंजाब सरकार की योजना है कि जल्द ही ट्रांसपोर्ट विभाग की सारी नागरिक-केंद्रित सेवाएं ई-सेवा केंद्रों के ज़रिए उपलब्ध करवा दी जाएं। यानी लोग अब डिजिटल माध्यम से ही फॉर्म भर सकेंगे, डाक्यूमेंट्स अपलोड कर सकेंगे और सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।
इतना ही नहीं, सरकार एक व्हाट्सऐप चैटबॉट लाने की तैयारी में भी है, जिसके ज़रिए लोग अपने मोबाइल में व्हाट्सऐप के माध्यम से सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। इससे प्रक्रिया और भी सरल व आमजन के अनुकूल हो जाएगी।
सेवा की निगरानी होगी सख्त, लापरवाही पर कार्रवाई तय
ट्रांसपोर्ट विभाग की सेवा डिलीवरी की नियमित निगरानी भी की जाएगी। स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि कहीं भी किसी तरह की अनावश्यक देरी न हो।
यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा जानबूझकर कार्य में देरी की जाती है या लापरवाही बरती जाती है, तो उसके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
लोगों को मिलेगा सीधा लाभ
इस नई व्यवस्था से लोगों को ट्रांसपोर्ट विभाग से जुड़ी सेवाएं जैसे ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना, वाहन पंजीकरण, ट्रांसफर या रिन्यूअल जैसी सुविधाएं तेज़ और पारदर्शी ढंग से मिलेंगी।
पंजाब सरकार का यह कदम डिजिटल इंडिया की दिशा में भी एक मजबूत प्रयास है, जिससे लोगों का समय बचेगा, भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी और सेवा वितरण में पारदर्शिता बढ़ेगी।
अब देखना यह होगा कि विभाग इन निर्देशों को कितनी गंभीरता से लागू करता है और आम लोगों को इसका वास्तविक लाभ कितना जल्दी मिलना शुरू होता है।