
पंजाब में हालात तेजी से बदल रहे हैं, और सरकार ने एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। राज्य के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने घोषणा की है कि अगले तीन दिनों तक पंजाब के सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय पूरी तरह से बंद रहेंगे। यह फैसला सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
स्थिति की गंभीरता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि पंजाब पुलिस के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं। पुलिस महानिदेशक (DGP) कार्यालय से जारी निर्देश में कहा गया है कि सिर्फ बहुत विशेष परिस्थितियों में ही सक्षम अधिकारी की अनुमति से छुट्टी दी जा सकती है। इससे स्पष्ट है कि प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड में है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहता है।
विशेष ध्यान सीमावर्ती जिलों पर दिया जा रहा है। पंजाब के छह बॉर्डर जिलों—फिरोजपुर, पठानकोट, फाजिल्का, अमृतसर, गुरदासपुर और तरनतारन—में सभी शैक्षणिक संस्थान अगले आदेश तक बंद कर दिए गए हैं। यह कदम सुरक्षा की दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इन क्षेत्रों की सीमा पाकिस्तान से लगती है और यहां किसी भी अप्रत्याशित गतिविधि की आशंका बनी रहती है।
गुरदासपुर जिले में हालात और भी संवेदनशील बताए जा रहे हैं। गुरुवार रात 9 बजे से जिले में आठ घंटे का ब्लैकआउट लागू रहेगा। इस दौरान बिजली की आपूर्ति पूरी तरह से बंद रहेगी। ऐसा कदम आमतौर पर सुरक्षा कारणों से उठाया जाता है ताकि किसी भी बाहरी खतरे से निपटा जा सके और निगरानी आसानी से की जा सके।
केवल पंजाब ही नहीं, पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी सतर्कता बरती जा रही है। हरियाणा सरकार ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी कर्मचारियों की छुट्टियां अगले आदेश तक रद्द कर दी हैं। एक आधिकारिक आदेश में बताया गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित सशस्त्र तनाव को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से सिविल सर्जनों को भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया गया है कि सभी अधिकारी अपने कार्यस्थल पर उपस्थित रहेंगे और जिला मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। किसी भी छुट्टी की मंजूरी नहीं दी जाएगी जब तक कि उच्च स्तर से कोई विशेष आदेश न आए।
इन सभी फैसलों से यह साफ है कि पंजाब और उसके आस-पास के क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां हर मोर्चे पर सतर्क हैं, ताकि आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।