दिल्ली के आईटीओ इलाके में एक समाजसेवी महिला के साथ गैंगरेप का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। पीड़िता ओडिशा की रहने वाली 34 वर्षीय महिला है, जो समाज सेवा के लिए अपने जीवन को समर्पित कर चुकी थी। इस महिला ने नर्सिंग की नौकरी छोड़ गरीबों और हाशिए के लोगों के लिए काम करने का संकल्प लिया था, लेकिन 11 अक्टूबर की रात उसके साथ ऐसी हैवानियत हुई, जिसे भूल पाना उसके लिए शायद नामुमकिन होगा। इस घटना के बाद से पीड़िता का इलाज दिल्ली के एम्स अस्पताल के मनोविज्ञान विभाग में चल रहा है।
कैसे हुई वारदात?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता जब आईटीओ इलाके में थी, तब उसे तीन आरोपियों – ऑटो चालक प्रभु, कबाड़ीवाला प्रमोद और शमशुल – ने अपना शिकार बनाया। राजघाट के पास ऑटो में ही गैंगरेप की इस घटना को अंजाम दिया गया। आरोपियों ने पहले उसे मेट्रो स्टेशन के पास झाड़ियों में खींचकर उसके साथ दरिंदगी की। ऑटो चालक प्रभु ने आरोपियों के साथ मिलकर उसे अपना शिकार बनाया। इसके बाद प्रभु ने पीड़िता को ऑटो में बिठाया और रिंग रोड पर फिरोजशाह कोटला किले के पास सुनसान इलाके में ले गया, जहां उसने बार-बार पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया।
अर्धनग्न अवस्था में छोड़ा
आरोपियों की हैवानियत यहीं खत्म नहीं हुई। उन्होंने पीड़िता को अर्धनग्न अवस्था में छोड़ दिया और भाग गए। खून से लथपथ हालत में पीड़िता राजघाट से पैदल चलते हुए सराय काले खां तक पहुंच गई। यहां, एक नेवी अधिकारी ने उसे देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे एम्स के मनोविज्ञान विभाग में इलाज के लिए भेजा गया।
मानसिक संतुलन बिगड़ने की स्थिति
बार-बार किए गए दुष्कर्म और अत्याचार से पीड़िता का मानसिक संतुलन भी बिगड़ गया है। इस घटना से उसकी मानसिक स्थिति पर गंभीर असर पड़ा है। पीड़िता, जो कभी गरीबों और महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करती थी, अब खुद न्याय की लड़ाई लड़ रही है। इस अमानवीय कृत्य ने उसके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है और उसे शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी आघात पहुंचाया है।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही साउथ ईस्ट जिले के पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उपायुक्त रवि कुमार सिंह ने पुष्टि की कि आरोपियों के पकड़े जाने के बाद घटना की पूरी जानकारी सामने आई। प्रभु, प्रमोद और शमशुल नाम के तीनों आरोपी फिलहाल पुलिस की हिरासत में हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है। आरोपियों पर कठोर से कठोर कार्रवाई की मांग उठ रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
घटना के खिलाफ बढ़ता आक्रोश
इस दिल दहला देने वाली घटना ने एक बार फिर से दिल्ली में महिला सुरक्षा के सवालों को खड़ा कर दिया है। राजधानी में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा और अपराध के मामलों को देखते हुए लोग कानून व्यवस्था और सुरक्षा उपायों पर सवाल उठा रहे हैं। यह घटना न केवल पीड़िता के जीवन को प्रभावित कर रही है, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति चिंता बढ़ा रही है।