महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में बड़े पैमाने पर पुलिस अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। गृह विभाग ने मुंबई समेत राज्य भर के 28 पुलिस अधिकारियों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया है, जिनमें 15 अधिकारी मुंबई से हैं। इस तबादले का उद्देश्य चुनाव से पहले सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना है, ताकि राज्य में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित किए जा सकें। चुनाव आयोग ने मतगणना की तारीख 23 नवंबर निर्धारित की है।
महाराष्ट्र के पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर तबादले
गृह विभाग के आदेश के अनुसार, मुंबई के 15 और अन्य क्षेत्रों के 13 पुलिस अधिकारियों के कार्यक्षेत्र बदले गए हैं। इनमें डिप्टी एसपी (DSP) और सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) रैंक के अधिकारी शामिल हैं। एसीपी मृत्युंजय हिरेमथ को कोल्हापुर के पुलिस उपाधीक्षक पद पर स्थानांतरित किया गया है, जबकि शशिकांत माने को अपराध जांच विभाग (CID) में डिप्टी एसपी बनाया गया है। नासिक में राजमार्ग पुलिस में कुमुद कदम को डिप्टी एसपी नियुक्त किया गया है।
इसके अतिरिक्त, CID के डिप्टी एसपी तनवीर शेख को मुंबई में एसीपी पद पर नियुक्त किया गया है। कोल्हापुर की डिप्टी एसपी प्रिया पाटिल को भी मुंबई का एसीपी बनाया गया है। इससे पहले, राज्य पुलिस महानिदेशक (DGP) ने 300 से अधिक पुलिस निरीक्षकों का भी तबादला किया था। इन तबादलों का उद्देश्य राज्य में निष्पक्ष और सुचारु चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करना है।
कांग्रेस ने डीजीपी रश्मि शुक्ला को हटाने की मांग की
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख नाना पटोले ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर राज्य की डीजीपी रश्मि शुक्ला को उनके पद से हटाने की मांग की है। पटोले का आरोप है कि शुक्ला का झुकाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर है, जिससे निष्पक्ष चुनाव पर संदेह हो सकता है। पटोले ने कहा, “रश्मि शुक्ला एक विवादास्पद अधिकारी हैं, जिन्होंने भाजपा का पक्ष लिया है। उनके पद पर बने रहने से निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।”
पटोले का कहना है कि कांग्रेस ने 24 सितंबर और 4 अक्तूबर को पत्र लिखकर डीजीपी को हटाने की मांग की थी। जब चुनाव आयोग के अधिकारियों ने 27 सितंबर को मुंबई का दौरा किया था, तब कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने यह मांग पुनः दोहराई। पटोले ने आयोग से यह भी पूछा कि विपक्ष शासित राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल और झारखंड के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को हटाने के भाजपा के अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया था, तो महाराष्ट्र में कांग्रेस के अनुरोध पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया।
चुनावों में निष्पक्षता बनाए रखने की चुनौती
कांग्रेस ने दावा किया है कि राज्य में निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित करने के लिए डीजीपी रश्मि शुक्ला का हटना जरूरी है। उनका मानना है कि यह कदम सुरक्षा एजेंसियों पर किसी भी प्रकार के राजनीतिक दबाव को कम करेगा। वहीं भाजपा का पक्ष है कि राज्य में पुलिस प्रशासन का कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है और तबादले केवल चुनावी सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे हैं।
निष्पक्षता और पारदर्शिता पर जोर
चुनाव आयोग भी इस बात को लेकर सतर्क है कि महाराष्ट्र चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हों। आयोग ने पहले ही राज्य में व्यापक चुनावी प्रबंध किए हैं और अब इन बड़े पैमाने पर तबादलों से यह सुनिश्चित करने की कोशिश हो रही है कि कानून और व्यवस्था बनी रहे। राजनीतिक दलों के बीच चुनावों को लेकर तनाव है, लेकिन आयोग का कहना है कि सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
महाराष्ट्र में चुनावी माहौल तेज होने के साथ ही पुलिस अधिकारियों के तबादले और डीजीपी को हटाने की मांग ने चुनावी राजनीति को गरमा दिया है। कांग्रेस की मांग है कि डीजीपी को पद से हटाया जाए ताकि निष्पक्षता बनी रहे, जबकि भाजपा इसे चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा मानती है। पुलिस अधिकारियों के तबादले और राजनीतिक दलों के बीच इस मुद्दे पर उठाए गए सवाल यह दर्शाते हैं कि महाराष्ट्र में आगामी चुनावों में कानून व्यवस्था और निष्पक्षता को बनाए रखना महत्वपूर्ण चुनौती होगी।