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पंजाब पुलिस के एनआरआई मामलों के विंग ने गैर-कानूनी इमीग्रेशन घोटाले में शामिल ट्रैवल एजेंट अनिल बत्रा को गिरफ्तार कर लिया है। अनिल बत्रा उन चार आरोपियों में से एक है, जिन पर भोले-भाले लोगों को अवैध तरीके से अमेरिका भेजने के नाम पर ठगने का आरोप है।
कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?
पंजाब पुलिस ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित कर इस घोटाले की जांच की थी। जांच के दौरान यह सामने आया कि कुछ ट्रैवल एजेंट लोगों से झूठे वादे करके उन्हें गैर-कानूनी तरीके से अमेरिका भेजने की बात कर रहे थे। इन झूठे वादों का शिकार हुए कई लोग डिपोर्ट कर दिए गए। इसी घोटाले के चलते पुलिस ने 10 एफआईआर दर्ज की थीं, जिसके बाद अनिल बत्रा को गिरफ्तार किया गया।
डीजीपी पंजाब की सख्त कार्रवाई
पंजाब पुलिस के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) गौरव यादव ने गैर-कानूनी इमीग्रेशन गतिविधियों में लिप्त धोखेबाज ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। SIT की चार सदस्यीय टीम बनाई गई, जिसे ऐसे मामलों की जांच का जिम्मा सौंपा गया।
SIT ने डिपोर्ट किए गए लोगों से संपर्क किया और उन्हें आगे आकर आरोपियों के खिलाफ गवाही देने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि ऐसे अपराधियों को कानून के तहत सजा दिलाई जा सके।
कैसे हुई अनिल बत्रा की गिरफ्तारी?
SIT के निर्देशों के तहत, एसपी एनआरआई मामले, पटियाला, गुरबंस सिंह बैस की निगरानी में एक टीम ने पटियाला में अनिल बत्रा के ससुराल से उसे गिरफ्तार किया।
अनिल बत्रा, जो कि शांति नगर, थेके मार्केट, थानेसर (कुरुक्षेत्र, हरियाणा) का निवासी है, पटियाला के प्रताप नगर स्थित अपने ससुराल में छिपा हुआ था। वहां से उसे 14 फरवरी 2025 को गिरफ्तार किया गया।
किन धाराओं में केस दर्ज हुआ?
अनिल बत्रा पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की निम्नलिखित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है:
- धारा 406 – विश्वासघात
- धारा 420 – धोखाधड़ी
- धारा 370 – मानव तस्करी
- धारा 120-बी – आपराधिक साजिश
इसके अलावा, इमीग्रेशन एक्ट की धारा 24 के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
कैसे चल रहा था गैर-कानूनी इमीग्रेशन नेटवर्क?
अनिल बत्रा पर आरोप है कि उसने शिकायतकर्ता के लिए सूरीनाम (दक्षिण अमेरिका) का वीजा और टिकट का इंतजाम किया और उसे गैर-कानूनी तरीके से अमेरिका पहुंचाने का वादा किया।
यात्रा का तरीका:
- पहले पीड़ित को सूरीनाम भेजा गया।
- वहां से वह ब्राजील या कोलंबिया पहुंचा।
- फिर जमीन मार्ग से मध्य अमेरिका में प्रवेश किया।
- पीड़ित ने पनामा, कोस्टा रिका, निकारागुआ, होंडुरास, ग्वाटेमाला और मैक्सिको के रास्ते होते हुए अमेरिका में प्रवेश किया।
- अंत में, मानव तस्करों की मदद से उसे अवैध रूप से अमेरिका में घुसाया गया।
पुलिस ने आरोपी के बैंक खाते किए फ्रीज
SIT ने इस घोटाले से जुड़े अनिल बत्रा के बैंक खातों की जांच की, जिसमें 6.35 लाख रुपये का बकाया पाया गया। पुलिस ने तुरंत उसके बैंक खाते फ्रीज कर दिए ताकि किसी और को ठगने से रोका जा सके।
डीजीपी पंजाब ने जनता से की अपील
DGP गौरव यादव ने इस तरह के अवैध इमीग्रेशन रैकेट को खत्म करने और निर्दोष लोगों को ठगी से बचाने के लिए पुलिस की प्रतिबद्धता दोहराई।
उन्होंने जनता से अपील की कि अगर किसी को ऐसे धोखेबाज ट्रैवल एजेंटों की जानकारी है, तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें। इसके अलावा, पुलिस ने नागरिकों को सलाह दी कि वे केवल लाइसेंसशुदा एजेंटों से ही इमीग्रेशन सेवाएं लें और किसी भी घोटाले से बचने के लिए दस्तावेजों की पूरी तरह से जांच करें।
इस कार्रवाई से पंजाब पुलिस ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वह अवैध इमीग्रेशन और धोखाधड़ी के मामलों में सख्त कदम उठाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। आम जनता को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदेहजनक गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को देनी चाहिए ताकि ऐसे अपराधियों को समय रहते पकड़ा जा सके।