
अमेरिकी शेयर बाजार ने बुधवार को ऐतिहासिक बढ़त दर्ज की। इसकी सबसे बड़ी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति मानी जा रही है। ट्रंप ने 90 दिनों के लिए अधिक टैरिफ दरों पर रोक लगाने का ऐलान किया है। हालांकि यह राहत सिर्फ चुनिंदा देशों को दी जाएगी, जबकि चीन पर अब पहले से ज्यादा टैरिफ लगाया जाएगा।
चीन पर टैरिफ बढ़ा, बाकी देशों को राहत
ट्रंप ने कहा कि 90 दिनों तक 10% टैरिफ लागू रहेगा और इस दौरान बाकी देशों को उच्च टैरिफ से राहत दी जाएगी। लेकिन चीन के लिए ये राहत नहीं होगी। बल्कि चीन से आने वाले सामानों पर टैरिफ को बढ़ाकर 125% कर दिया गया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि चीन ने अमेरिकी सामानों पर 84% टैरिफ लगाया है, इसलिए अमेरिका को भी कड़ा रुख अपनाना पड़ा।
शेयर बाजार में 2008 के बाद की सबसे बड़ी तेजी
ट्रंप के इस फैसले का असर अमेरिकी स्टॉक मार्केट पर तुरंत दिखा। S&P इंडेक्स में लगभग 11% की तेजी आई, जो नवंबर 2008 की आर्थिक मंदी के बाद सबसे बड़ी बढ़त है। नैस्डैक ने 12% की छलांग लगाई और करीब 100 अंक ऊपर बंद हुआ। डाऊ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में भी 7.9% की मजबूती देखने को मिली।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, एक दिन में करीब 30 बिलियन शेयरों की ट्रेडिंग हुई, जो अब तक का रिकॉर्ड है। S&P 500 में Goldman Sachs के शेयरों ने तो 17.34% की जबरदस्त छलांग लगाई।
एशियाई बाजारों में भी असर
ट्रंप के ऐलान के बाद सिर्फ अमेरिकी बाजार ही नहीं, बल्कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के शेयर बाजारों में भी गुरुवार की सुबह तेजी देखने को मिली। निवेशकों को उम्मीद है कि अमेरिका की नई व्यापार नीति से वैश्विक कारोबार को फायदा होगा।
विशेषज्ञों की राय
बॉस्टन की वेल्थ मैनेजमेंट एक्सपर्ट गीना बोल्विन ने कहा कि “यह बाजार के लिए एक अहम मोड़ है। कंपनियों के तिमाही नतीजे आने वाले हैं, जिससे बाजार को और मजबूती मिल सकती है।” हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि 90 दिनों के बाद ट्रंप का अगला कदम क्या होगा, यह अब भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
ट्रंप का दावा – देश मेरे आगे नाक रगड़ रहे हैं
राष्ट्रपति ट्रंप ने एक कार्यक्रम में कहा कि दुनियाभर के देश अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, “दूसरे देश मेरे आगे नाक रगड़ रहे हैं, बस समझौता करना है।” ट्रंप की नीतियों के चलते दुनिया भर में ट्रेड वॉर की स्थिति बन गई थी, लेकिन अब उनके इस ताजा फैसले से बाजारों में थोड़ी राहत देखने को मिल रही है।
अब निगाहें तिमाही नतीजों पर
शुक्रवार को जेपी मॉर्गन जैसे बड़े बैंकों के तिमाही नतीजे आने वाले हैं, जिससे यह साफ होगा कि कॉर्पोरेट अमेरिका की हालत कैसी है। निवेशकों और विशेषज्ञों की नजर अब इस पर टिकी है कि कंपनियों का प्रदर्शन कैसा रहेगा और ट्रंप की नीतियों का उस पर क्या असर पड़ेगा।