अमेरिका से 9 लाख प्रवासियों को बाहर निकालने का ट्रंप प्रशासन का बड़ा फैसला, खत्म किए गए लीगल परमिट

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका में रह रहे लगभग 9 लाख प्रवासियों को बड़ा झटका दिया है। इन प्रवासियों को अमेरिका में रहने और काम करने की अनुमति CBP One ऐप नीति के तहत दी गई थी, जो पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में शुरू की गई थी। लेकिन अब ट्रंप प्रशासन ने इस नीति को रद्द कर दिया है और साथ ही इन सभी प्रवासियों के लीगल परमिट भी समाप्त कर दिए गए हैं।
क्या है CBP One ऐप नीति?
CBP One ऐप एक डिजिटल प्लेटफॉर्म था, जिसे अमेरिका में शरण लेने के इच्छुक प्रवासियों के लिए शुरू किया गया था। जनवरी 2023 से इस ऐप के माध्यम से 9 लाख से अधिक लोग अमेरिका पहुंचे थे। उन्हें अमेरिका में दो साल तक रहने और काम करने की अनुमति दी गई थी। इस नीति के ज़रिए खास तौर पर उन लोगों को राहत दी गई थी जो संघर्षग्रस्त देशों से भागकर अमेरिका आए थे।
ट्रंप प्रशासन का नया फैसला
अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) ने सोमवार को एक आधिकारिक बयान में बताया कि CBP One ऐप के तहत आए प्रवासियों को अब अमेरिका तुरंत छोड़ना होगा। विभाग का कहना है कि यह कदम देश की सीमाओं की सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत करने के लिए उठाया गया है।
DHS ने स्पष्ट किया कि CBP One ऐप अब शरणार्थियों के लिए मान्य रास्ता नहीं रहेगा और इसके तहत दिए गए सभी रीज़िडेंस और वर्क परमिट रद्द किए जा चुके हैं।
प्रवासियों को भेजे जा रहे हैं ईमेल नोटिस
एसोसिएटेड प्रेस (AP) की रिपोर्ट के अनुसार, प्रवासियों को ईमेल के ज़रिए नोटिस भेजे जा रहे हैं जिसमें उन्हें देश छोड़ने को कहा जा रहा है। “अल ओत्रो लाडो” नाम की एक कानूनी सहायता संस्था के अनुसार, ये नोटिस विशेषकर होंडुरास, अल सल्वाडोर और मेक्सिको से आए प्रवासियों को भेजे जा रहे हैं।
लोगों में डर और चिंता का माहौल
यह नोटिस मिलते ही प्रवासियों में डर और घबराहट फैल गई है। कई परिवार अब यह सोचकर परेशान हैं कि वे कहाँ जाएंगे और उनका भविष्य क्या होगा। बच्चों की पढ़ाई, नौकरी और जीवन की स्थिरता अब खतरे में दिख रही है। लोगों को सबसे ज़्यादा चिंता इस बात की है कि वे इतने कम समय में कैसे वापसी की योजना बनाएंगे।
ट्रंप का फोकस: प्रवास और व्यापार
जनवरी 2025 में सत्ता संभालने के बाद से ट्रंप प्रशासन का सबसे ज़्यादा फोकस दो चीजों पर रहा है —
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विदेश से आने वाले सामान पर टैक्स (टैरिफ) बढ़ाना,
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अवैध या अस्थायी प्रवासियों को अमेरिका से बाहर निकालना।
ट्रंप सरकार पहले भी प्रवासी विरोधी नीतियों के लिए जानी जाती रही है, और अब एक बार फिर वह पुरानी राह पर लौटती नजर आ रही है। उन्होंने जो बाइडेन की उन नीतियों को रद्द कर दिया है जो मानवीय आधार पर प्रवासियों को अमेरिका में शरण देने की बात करती थीं।
यह फैसला न केवल 9 लाख प्रवासियों के लिए, बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक बड़ा झटका है। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में अमेरिका की प्रवासी नीति में और क्या बदलाव किए जाते हैं। फिलहाल, इन लाखों लोगों का भविष्य अनिश्चितता और डर के साए में है।