SEBI के नए चेयरमैन बने तुहिन कांत पांडेय, पारदर्शिता और टीमवर्क को बताया प्राथमिकता

भारतीय शेयर बाजार के रेगुलेटर SEBI (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) को नया प्रमुख मिल गया है। तुहिन कांत पांडेय ने शनिवार (1 मार्च 2025) को SEBI के 11वें चेयरमैन के रूप में कार्यभार संभाला। उन्होंने पारदर्शिता (Transparency), विश्वास (Trust), टीमवर्क (Teamwork) और टेक्नोलॉजी (Technology) को अपनी प्राथमिकता बताया।
सेबी को बताया मजबूत संस्थान
नए चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय इससे पहले वित्त सचिव के रूप में काम कर चुके हैं। उन्होंने SEBI को “मजबूत बाजार संस्था” बताते हुए कहा कि इसे दशकों से बेहतरीन नेतृत्व ने आकार दिया है और यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने सेबी के भविष्य की योजनाओं पर सीधे कुछ नहीं कहा, लेकिन इस संस्था को और मजबूत बनाने का भरोसा दिया।
पूर्व चेयरमैन माधबी पुरी बुच पर कोई टिप्पणी नहीं
तुहिन कांत पांडेय ने पूर्व चेयरमैन माधबी पुरी बुच के विवादित कार्यकाल पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उनके कार्यकाल के आखिरी महीनों में कुछ अनियमितताओं के आरोप लगे थे। दिलचस्प बात यह है कि बुच, पांडेय के पदभार ग्रहण समारोह में भी मौजूद नहीं थीं। बताया जा रहा है कि वह अस्वस्थ हैं और कोविड संक्रमण से जूझ रही हैं।
कठिन समय में मिली जिम्मेदारी
SEBI के नए प्रमुख ऐसे समय पर कार्यभार संभाल रहे हैं, जब भारतीय शेयर बाजार पर मंदी का दबाव है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जनवरी से अब तक 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी कर ली है। इससे बाजार में अस्थिरता देखी जा रही है। पांडेय के सामने इस चुनौती से निपटने की जिम्मेदारी होगी।
सेबी में हाल ही में हुआ विरोध प्रदर्शन
SEBI में हाल के महीनों में कर्मचारियों का एक बड़ा वर्ग प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन कर चुका है। इसका मुख्य कारण कुछ नीतियों और आंतरिक मामलों को लेकर असंतोष था। ऐसे में तुहिन कांत पांडेय को कर्मचारियों का भरोसा जीतने और प्रशासनिक स्थिरता बनाए रखने पर भी ध्यान देना होगा।
चार ‘टी’ (4T) पर रहेगा फोकस
तुहिन कांत पांडेय ने SEBI के लिए अपने चार प्रमुख स्तंभ बताए हैं:
- ट्रस्ट (Trust) – निवेशकों और बाजार के प्रति भरोसा बनाए रखना।
- ट्रांसपेरेंसी (Transparency) – बाजार में पारदर्शिता बढ़ाना।
- टीमवर्क (Teamwork) – सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करना।
- टेक्नोलॉजी (Technology) – आधुनिक तकनीक का उपयोग करके बाजार को मजबूत बनाना।
तुहिन कांत पांडेय ऐसे समय में SEBI की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, जब बाजार अस्थिर है और SEBI के भीतर भी चुनौतियां हैं। उनकी प्राथमिकता निवेशकों का भरोसा मजबूत करना, पारदर्शिता बढ़ाना और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना रहेगा। अब देखना होगा कि वह इन चुनौतियों से कैसे निपटते हैं और SEBI को आगे कैसे ले जाते हैं।