
पंजाब में एक अहम खुफिया आधारित ऑपरेशन के तहत अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने दो ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है, जो पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (Inter-Services Intelligence) के लिए जासूसी करने के शक के घेरे में हैं। यह कार्रवाई पंजाब पुलिस के देश की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध रुख को दर्शाती है।
गिरफ्तार किए गए आरोपी कौन हैं?
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी फौजी और साहिल मसीह उर्फ शाली के रूप में हुई है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि गुरप्रीत सिंह सीधे पाकिस्तान की ISI के एजेंट्स के संपर्क में था और वह पेन ड्राइव के ज़रिए गोपनीय और संवेदनशील जानकारी साझा कर रहा था।
इस केस में आईएसआई का मुख्य संपर्क सूत्र राना जावेद बताया जा रहा है, जो पाकिस्तान में बैठकर भारत की सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश कर रहा था।
बरामद हुआ अहम सबूत
पुलिस ने दोनों आरोपियों के पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनका इस्तेमाल आईएसआई एजेंट्स से बातचीत के लिए किया जा रहा था। इन मोबाइल फोनों की फॉरेंसिक जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कितनी जानकारी भेजी गई और किन-किन लोगों से संपर्क किया गया।
क्या है अगला कदम?
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह केवल एक छोटी कड़ी है, और पूरे जासूसी और आतंक नेटवर्क को उजागर करने के लिए जांच जारी है। इस नेटवर्क में और कितने लोग शामिल हैं, इसकी पहचान के लिए गहन पूछताछ की जा रही है। जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या यह गिरोह किसी आतंकी साजिश का हिस्सा था।
पंजाब पुलिस का सख्त संदेश
पंजाब पुलिस ने कहा है कि वह देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। यह ऑपरेशन साफ तौर पर दिखाता है कि भारत की सुरक्षा एजेंसियां देश के खिलाफ काम करने वालों को बर्दाश्त नहीं करेंगी।
इस गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान की आईएसआई भारत के खिलाफ जासूसी नेटवर्क बनाने की कोशिशों में लगी हुई है, लेकिन भारतीय एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं। पंजाब पुलिस की यह कार्रवाई न केवल समय पर हुई बल्कि इससे देश की सुरक्षा को बड़ा नुकसान होने से रोका गया। अब आगे की जांच में और कई अहम खुलासे होने की उम्मीद है।