यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। यूक्रेन ने रूस की राजधानी मॉस्को पर अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला किया, जिसमें मॉस्को के नागरिक भी घायल हुए हैं और कई हवाई उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन ने मॉस्को पर कम से कम 34 ड्रोन दागे। यह हमला यूक्रेन-रूस युद्ध के इतिहास में एक नया आयाम जोड़ता है और इसे युद्ध की एक निर्णायक घटना माना जा रहा है।
ड्रोन हमले का असर और हवाई अड्डों पर व्यवधान
यूक्रेन के इस हमले के कारण मॉस्को के प्रमुख हवाई अड्डों, जैसे कि डोमोदेवो, शेरेमेटेवो, और झुकोवस्की पर उड़ान संचालन में बाधा उत्पन्न हुई। फेडरल एयर ट्रांसपोर्ट एजेंसी के अनुसार, कम से कम 36 फ्लाइट्स को डायवर्ट किया गया, हालांकि बाद में उड़ान संचालन पुनः शुरू किया गया। मॉस्को क्षेत्र में इस हमले के कारण कम से कम एक व्यक्ति घायल होने की भी सूचना है। यह हमला रूस के लिए एक बड़ी सुरक्षा चुनौती बनकर सामने आया है।
रूसी सेना ने 36 ड्रोन किए नष्ट
रूस के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उसकी वायु सेना ने तीन घंटे की अवधि में मॉस्को और पश्चिमी रूस के अन्य क्षेत्रों में 36 ड्रोन नष्ट कर दिए। मंत्रालय का कहना है कि कीव सरकार की रूसी संघ पर “एरियल ड्रोन” के माध्यम से आतंकवादी हमले की कोशिश को विफल कर दिया गया। रूसी टेलीग्राम चैनलों पर पोस्ट किए गए वीडियो में ड्रोन को आसमान में उड़ते हुए देखा गया, जिससे नागरिकों में भय का माहौल बना हुआ है। रूस ने इस हमले को यूक्रेन की ओर से एक गंभीर उकसावे के रूप में देखा है।
यूक्रेन का पलटवार: रूस पर 145 ड्रोन लॉन्च करने का आरोप
यूक्रेन ने भी दावा किया है कि रूस ने अपनी ओर से रिकॉर्ड 145 ड्रोन लॉन्च किए हैं। कीव का कहना है कि उसने अपनी हवाई सुरक्षा प्रणाली से इनमें से 62 ड्रोन को मार गिराया। यूक्रेन ने ब्रांस्क इलाके में एक शस्त्रागार पर हमला भी किया, जहां 14 ड्रोन गिराए गए। यूक्रेन ने इस हमले के जरिए रूस को अपने रुख का संकेत दिया है कि वह किसी भी आक्रमण का जवाब देने के लिए तैयार है।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और युद्ध पर संभावित प्रभाव
इस युद्ध के बीच, अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की संभावित जीत का रूस-यूक्रेन संघर्ष पर प्रभाव देखा जा रहा है। ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान यह दावा किया था कि वह 24 घंटे के भीतर यूक्रेन में शांति स्थापित कर सकते हैं। हालांकि, उन्होंने इसके लिए कोई विस्तृत योजना नहीं दी है कि वह यह कार्य कैसे करेंगे। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की जीत से मॉस्को के प्रति अमेरिका का रुख थोड़ा नरम हो सकता है, जिससे रूस की सेना को मजबूती मिल सकती है।
हाल ही में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने ट्रंप को उनकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत पर बधाई देने के लिए फोन किया, जिसमें टेस्ला के सीईओ और ट्रंप समर्थक एलोन मस्क भी शामिल हो गए। यह घटना इस बात की ओर संकेत करती है कि ट्रंप प्रशासन के आने के बाद वैश्विक राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं, जो रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी असर डाल सकते हैं।
युद्ध का विस्तार और भविष्य की चिंताएं
यूक्रेन-रूस युद्ध ढाई साल के लंबे संघर्ष में प्रवेश कर चुका है। दोनों देशों के बीच जारी यह संघर्ष अब सीमित संघर्ष की बजाय बड़े पैमाने पर अंतर्राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित कर रहा है। मॉस्को पर हुए इस ड्रोन हमले के बाद रूस की प्रतिक्रिया क्या होगी, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। इसके साथ ही, अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद यूक्रेन-रूस युद्ध की दिशा में भी बदलाव संभव है।
रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव पर विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि रूस और यूक्रेन के बीच यह तनाव आने वाले समय में और बढ़ सकता है, क्योंकि दोनों देश अपने अपने समर्थकों से समर्थन पाने की कोशिश में हैं। रूस की इस स्थिति पर विशेषज्ञों का कहना है कि युद्ध अब सीधे रूप से अमेरिका और पश्चिमी देशों के समर्थन पर भी निर्भर करता है, खासकर अगर अमेरिका में सत्ता बदलती है और ट्रंप का प्रशासन आता है।
रूस और यूक्रेन के बीच यह संघर्ष वैश्विक राजनीति के सबसे संवेदनशील मुद्दों में से एक बन गया है। मॉस्को पर यूक्रेन के इस सबसे बड़े ड्रोन हमले ने एक बार फिर इस युद्ध की तीव्रता और उसकी गंभीरता को सामने रखा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रूस इस हमले का जवाब कैसे देगा और अमेरिका में ट्रंप के सत्ता में आने से इस संघर्ष पर क्या प्रभाव पड़ेगा।