
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में स्थित खूबसूरत पर्यटन स्थल बैसरन, जिसे ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ भी कहा जाता है, में मंगलवार को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला दिया। इस हमले में कम से कम 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे। बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस स्थान का दौरा किया और मृतकों को श्रद्धांजलि दी।
शोक सभा में शामिल हुए शाह
बुधवार को श्रीनगर स्थित पुलिस कंट्रोल रूम में एक शोक सभा का आयोजन किया गया था, जहाँ अमित शाह ने पुष्पचक्र अर्पित कर हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वे हेलिकॉप्टर से लगभग 110 किलोमीटर दूर बैसरन के लिए रवाना हुए। अधिकारियों ने बताया कि शाह को मौके पर मौजूद सुरक्षा एजेंसियों ने पूरी स्थिति की जानकारी दी।
हमले के तुरंत बाद पहुंचे अमित शाह
हमले के कुछ ही घंटों के अंदर मंगलवार रात को ही गृहमंत्री शाह जम्मू-कश्मीर पहुंचे। उन्होंने स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सहित राज्य के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। इस बैठक में हमले से जुड़ी जानकारी, सुरक्षा की वर्तमान स्थिति और आगे की रणनीति पर चर्चा की गई।
कैसे हुआ हमला?
मंगलवार को पहलगाम के बैसरन इलाके में आतंकियों ने अचानक गोलियां चलानी शुरू कर दीं। हमले का निशाना बने लोग ज्यादातर पर्यटक थे, जो इस खूबसूरत इलाके की सैर के लिए आए थे। गोलियों की आवाज सुनकर वहां अफरा-तफरी मच गई। हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। आतंकवादी हमले को अंजाम देने के बाद पास के जंगलों की ओर भाग गए।
चलाया जा रहा है बड़ा सर्च ऑपरेशन
घटना के बाद सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर एक बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। पहलगाम के आसपास के जंगलों में छिपे आतंकवादियों की तलाश के लिए हेलिकॉप्टर, ड्रोन और स्निफर डॉग्स की मदद ली जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां हमलावरों को जल्द से जल्द पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं।
श्रद्धांजलि के साथ कड़ा संदेश
अमित शाह ने हमले के पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी और भरोसा दिलाया कि इस बर्बर हमले को अंजाम देने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई और तेज करेगी और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी।
इस हमले ने एक बार फिर घाटी में शांति की राह में चुनौतियों को उजागर कर दिया है। लेकिन सरकार की ओर से उठाए गए सख्त कदम यह दिखाते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ देश एकजुट है और किसी भी कीमत पर इसकी समाप्ति के लिए तैयार है। अमित शाह का दौरा न सिर्फ पीड़ितों के प्रति संवेदना का प्रतीक था, बल्कि यह एक सख्त चेतावनी भी थी कि भारत अब आतंकी हमलों को किसी भी हालत में सहन नहीं करेगा।