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पंजाब सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली 10वीं कक्षा की छात्राओं के लिए साइकोमेट्रिक टेस्ट शुरू करने का फैसला किया है। इस पहल का उद्देश्य छात्राओं को उनके करियर की सही दिशा चुनने और उनके आत्म-विकास में मदद करना है। यह टेस्ट छात्राओं की मानसिक क्षमताओं, रुचियों और व्यक्तित्व विशेषताओं का विश्लेषण करेगा, जिससे वे अपने करियर को लेकर सही निर्णय ले सकें।
कब और कैसे होगा टेस्ट?
पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने इस परियोजना के लिए 6.56 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है। इस योजना के तहत 93,819 छात्राओं का साइकोमेट्रिक टेस्ट मार्च 31, 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।
टेस्ट को सही तरीके से लागू करने के लिए हर जिले में जिला शिक्षा अधिकारियों (सेकेंडरी) के नेतृत्व में विशेष समितियां बनाई गई हैं। ये समितियां न केवल टेस्ट करवाने की प्रक्रिया को देखेगी बल्कि इसकी निगरानी भी करेंगी।
छात्राओं के करियर को मिलेगा सही मार्गदर्शन
साइकोमेट्रिक टेस्ट का मुख्य उद्देश्य छात्राओं की मानसिक क्षमता, रुचियां और व्यक्तिगत विशेषताओं को समझकर उन्हें सही करियर चुनने में मदद करना है। अक्सर सरकारी स्कूलों की छात्राओं को करियर काउंसलिंग की सुविधा नहीं मिलती और वे अपने दोस्तों के अनुसार स्ट्रीम चुन लेती हैं, जो उनके लिए सही नहीं होती। इससे वे अपनी रुचि और योग्यता के अनुसार करियर नहीं बना पातीं, जिससे उनका भविष्य प्रभावित होता है।
सरकारी स्कूलों की छात्राओं को मिलेगा निजी स्कूलों जैसा लाभ
सामान्यत: निजी स्कूलों में करियर काउंसलिंग दी जाती है, लेकिन सरकारी स्कूलों में यह सुविधा नहीं होती। इसी समस्या को समझते हुए पंजाब सरकार ने सरकारी स्कूलों की छात्राओं को भी समान अवसर देने के लिए यह पहल शुरू की है। शिक्षा मंत्री स. हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि इस योजना से छात्राओं को अपना करियर चुनने में आत्मविश्वास मिलेगा और वे अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार करियर बना सकेंगी।
छात्राओं के आत्मविश्वास और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार
यह पहल केवल छात्राओं को सही करियर चुनने में मदद नहीं करेगी, बल्कि उनकी शिक्षा की गुणवत्ता भी बढ़ाएगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि सरकारी स्कूलों की शिक्षा का स्तर निजी स्कूलों के बराबर हो।
इस योजना के लाभ
✔ छात्राओं को अपने करियर के लिए सही दिशा मिलेगी
✔ उनकी मानसिक क्षमता और रुचियों का सही आकलन होगा
✔ सरकारी स्कूलों में करियर काउंसलिंग की कमी पूरी होगी
✔ छात्राओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे सही करियर का चुनाव कर सकेंगी
✔ पंजाब में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा
पंजाब सरकार का यह कदम छात्राओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे छात्राएं न केवल अपने भविष्य को लेकर जागरूक होंगी, बल्कि वे आत्मनिर्भर भी बनेंगी। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में सरकार शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को अधिक अवसर देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।