प्रयागराज: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के कार्यालय के बाहर प्रतियोगी परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। छात्रों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन पद्धति के चलते उनकी मेरिट प्रभावित होती है, जिससे वे अपने भविष्य के प्रति अनिश्चित महसूस कर रहे हैं। इस विरोध को देखते हुए पुलिस ने छात्रों को प्रदर्शन स्थल से हटाना शुरू कर दिया है। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की भी तैनाती की गई है।
इस बीच, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज के सांसद अखिलेश यादव के प्रयागराज दौरे की अटकलें भी जोरों पर हैं। खबर है कि अखिलेश यादव फूलपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए प्रचार के बाद प्रयागराज पहुंच सकते हैं और आंदोलनकारी छात्रों से मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि, उनके इस कार्यक्रम की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ आंदोलन क्यों?
यूपीपीएससी परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन पद्धति के खिलाफ छात्रों का विरोध बढ़ता जा रहा है। इस पद्धति के कारण उन्हें मेरिट आधारित चयन में कठिनाई हो रही है। आयोग ने इस बारे में कहा है कि परीक्षा केवल उन केंद्रों पर आयोजित की जा रही हैं जहां परीक्षा शुचिता बनी रहे और गड़बड़ियों की संभावना न हो। आयोग के प्रवक्ता के अनुसार, पहले कई दूर-दराज के परीक्षा केंद्रों पर गड़बड़ियों की शिकायतें आई थीं, जिसके कारण योग्य छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा था। इसलिए, परीक्षाओं में सुधार के लिए ऐसे केंद्रों को हटाया गया है ताकि परीक्षा प्रणाली अधिक पारदर्शी और मेरिट आधारित हो सके।
दो दिन परीक्षा आयोजित करने के निर्णय पर असंतोष
UPPSC ने हाल ही में प्रांतीय सिविल सेवा (PCS) ‘प्री’ और समीक्षा अधिकारी (RO) सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) की परीक्षाओं को दो पाली में कराने का निर्णय लिया है। इस फैसले के खिलाफ छात्र सोमवार से आयोग के गेट पर धरने पर बैठे हैं। प्रदर्शन का दूसरा दिन है, और छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। छात्रों का कहना है कि दो पाली में परीक्षा कराने से उनकी तैयारी प्रभावित हो रही है और नॉर्मलाइजेशन का फॉर्मूला उनकी वास्तविक मेरिट को प्रभावित कर रहा है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की एंट्री
छात्रों के इस आंदोलन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने भी अपनी आवाज मिलाई है। ABVP ने यूपीपीएससी से अभ्यर्थियों की चिंताओं को गंभीरता से लेने और नॉर्मलाइजेशन के तरीके, परीक्षा केंद्रों के निर्धारण, परीक्षाओं की पाली में आयोजन, और उनकी शुचिता सुनिश्चित करने के मुद्दों पर तुरंत ध्यान देने की मांग की है। ABVP का कहना है कि यूपीपीएससी को प्रतियोगी परीक्षाओं को पारदर्शिता से आयोजित करने की जरूरत है ताकि छात्रों का विश्वास बना रहे और वे अपनी तैयारी बिना किसी संदेह के कर सकें।
छात्रों की मांगें और यूपीपीएससी का जवाब
छात्रों का यह आंदोलन यूपीपीएससी द्वारा परीक्षा प्रक्रियाओं में किए गए बदलावों के विरोध में है। छात्रों की मांग है कि आयोग नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को समाप्त करे और परीक्षा केंद्रों का निर्धारण पारदर्शी तरीके से करे। यूपीपीएससी ने अभी तक इस पर कोई ठोस बयान नहीं दिया है, लेकिन प्रवक्ता ने कहा है कि परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए ही बदलाव किए जा रहे हैं।
छात्रों का मानना है कि नॉर्मलाइजेशन के चलते उनकी वास्तविक योग्यता के आधार पर चयन नहीं हो पा रहा है। उनका कहना है कि यूपीपीएससी को परीक्षाओं में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए नीतियों में बदलाव करना चाहिए और छात्रों से चर्चा कर उनकी चिंताओं का समाधान करना चाहिए।
प्रदर्शनकारियों की उम्मीदें और आगामी कदम
आंदोलनरत छात्रों को उम्मीद है कि उनके मुद्दों को गंभीरता से लिया जाएगा और अखिलेश यादव या अन्य नेता उनके समर्थन में आएंगे। छात्रों का कहना है कि यदि यूपीपीएससी उनकी मांगों पर विचार नहीं करता, तो उनका आंदोलन और तेज हो सकता है। छात्रों की यह भी मांग है कि आयोग परीक्षाओं की तारीखों का निर्धारण उचित समय पर करे ताकि वे बिना किसी दबाव के तैयारी कर सकें।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर का यह प्रदर्शन एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है, जहां हजारों प्रतियोगी छात्र अपनी मांगों के लिए एकजुट हो रहे हैं। अब देखना यह होगा कि यूपीपीएससी और राज्य सरकार इस पर क्या कदम उठाती हैं और छात्रों के भविष्य के लिए किस प्रकार के फैसले किए जाते हैं।