भारत में अमेरिकी दूतावास और इसके वाणिज्य दूतावास ने लगातार दूसरे साल 10 लाख से अधिक गैर-प्रवासी वीजा जारी करके एक नया रिकॉर्ड बनाया है। ये वीजा पर्यटन, व्यापार, शिक्षा, चिकित्सा और अन्य उद्देश्यों के लिए अमेरिका की यात्रा करने के लिए भारतीय नागरिकों के बीच बढ़ती मांग को दर्शाते हैं। गैर-प्रवासी वीजा, अमेरिका में प्रवेश की अनुमति देने के लिए आवश्यक दस्तावेज है।
दूतावास के आधिकारिक बयान के अनुसार, “पिछले 4 वर्षों में भारत से अमेरिका जाने वाले पर्यटकों की संख्या में 5 गुना वृद्धि हुई है। वर्ष 2024 के पहले 11 महीनों में 20 लाख से अधिक भारतीयों ने अमेरिका की यात्रा की, जो 2023 की समान अवधि की तुलना में 26% अधिक है।” यह बढ़ती संख्या अमेरिका और भारत के बीच मजबूत होते संबंधों को भी दिखाती है।
दूतावास ने यह भी बताया कि 50 लाख से अधिक भारतीय नागरिक पहले से ही गैर-प्रवासी वीजा धारक हैं, और हर दिन हजारों नए वीजा जारी किए जा रहे हैं। इस साल, अमेरिकी विदेश विभाग ने अमेरिका में H-1B वीजा नवीनीकरण के लिए एक सफल पायलट प्रोग्राम पूरा किया। इस प्रोग्राम के तहत भारतीय विशेषज्ञों और पेशेवरों को अमेरिका छोड़े बिना अपने वीजा का नवीनीकरण कराने की सुविधा मिली। इस कदम ने हजारों आवेदकों के लिए वीजा प्रक्रिया को सरल और तेज बनाया है।
विदेश विभाग ने घोषणा की है कि वह 2025 तक अमेरिका-आधारित नवीनीकरण प्रोग्राम स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है। इससे वीजा प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।
प्रवासी वीजा और भारतीय समुदाय पर प्रभाव
अमेरिकी मिशन ने बड़ी संख्या में प्रवासी वीजा भी जारी किए हैं। इससे परिवारों का पुनर्मिलन और कुशल पेशेवरों का अमेरिका में प्रवास संभव हुआ है। प्रवासी वीजा धारक अमेरिका पहुंचने पर स्थायी निवासी बन जाते हैं, जिससे वहां पहले से मौजूद भारतीय प्रवासी समुदाय और अधिक सशक्त होता है।
दूतावास ने प्रेस बयान में कहा, “भारत में रहने वाले और यात्रा करने वाले अमेरिकी नागरिकों को भी 24,000 से अधिक पासपोर्ट और अन्य कांसुलर सेवाएं प्रदान की गईं।”
छात्रों के लिए रिकॉर्ड संख्या में वीजा
अमेरिकी मिशन ने भारतीय छात्रों को 3 लाख से अधिक अमेरिकी छात्र वीजा भी जारी किए, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे यह स्पष्ट है कि शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों के बीच अमेरिका एक प्राथमिक गंतव्य बना हुआ है।
अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों के ये प्रयास न केवल भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत कर रहे हैं, बल्कि दोनों देशों के बीच व्यापार, शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा दे रहे हैं।