उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनावों में मतदान जारी है। इस दौरान सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी तेज हो गया है। सपा ने कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं को मतदान से रोकने का आरोप लगाया है, जबकि भाजपा ने दावा किया कि बुर्का पहनी महिलाओं के चेहरे उनके पहचान पत्र से मेल नहीं खा रहे हैं। दोनों पार्टियों ने इस मामले में निर्वाचन आयोग (ECI) से हस्तक्षेप की मांग की है।
भाजपा का दावा: बुर्का पहनी महिलाओं के चेहरों का पहचान पत्र से मिलान नहीं
भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने सपा पर चुनाव हारने के डर से आरोप लगाने का दावा किया। उन्होंने कहा, “समाजवादी पार्टी ने मतदाताओं पर से भरोसा खो दिया है और बाहरी उपद्रवी तत्वों को उपचुनाव वाले क्षेत्रों में इकट्ठा किया है। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुर्का पहनी महिलाओं के चेहरे उनके पहचान पत्र से मेल नहीं खा रहे हैं।”
शुक्ला ने निर्वाचन आयोग और प्रशासन से अपील की कि मतदान प्रक्रिया में पहचान पत्र का कड़ाई से मिलान किया जाए और बिना सत्यापन के किसी को भी मतदान की अनुमति न दी जाए।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उठाए गंभीर सवाल
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट और निर्वाचन आयोग से निष्पक्षता सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “माननीय उच्चतम न्यायालय और निर्वाचन आयोग से आग्रह है कि वीडियो साक्ष्यों के आधार पर तत्काल संज्ञान लें, दंडात्मक कार्रवाई करें, और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करें।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस मतदाताओं को मतदान करने से रोक रही है और पहचान पत्र के नाम पर परेशान कर रही है। अखिलेश ने कहा कि पुलिस को आधार या पहचान पत्र जांचने का अधिकार नहीं है और ऐसा करना चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप है।
सपा उम्मीदवार सुम्बुल राणा का आरोप
मुजफ्फरनगर जिले की मीरापुर विधानसभा सीट से सपा उम्मीदवार सुम्बुल राणा ने एक वीडियो साझा कर पुलिसकर्मियों पर मतदाताओं को रोकने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हम गांव-गांव जा रहे हैं और देख रहे हैं कि लोगों को परेशान किया जा रहा है। पुलिस अधिकारी पहचान पत्र मांग रहे हैं और फिर भी लोगों को वोट डालने नहीं दे रहे हैं।”
राणा ने दावा किया कि यह समस्या नयागांव, नगला बुजुर्ग, संबलहेड़ा और अन्य क्षेत्रों में भी हो रही है। उन्होंने शिकायत दर्ज कराने की बात कही लेकिन अधिकारियों की ओर से कोई कार्रवाई न होने का आरोप लगाया।
निर्वाचन आयोग पर नजरें
भाजपा और सपा दोनों ने निर्वाचन आयोग से मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है। जहां भाजपा सख्त पहचान सत्यापन की मांग कर रही है, वहीं सपा पुलिस के हस्तक्षेप पर सवाल उठा रही है।
इस बीच, मतदान शांतिपूर्ण ढंग से जारी है। मतदाताओं में उत्साह दिख रहा है, और प्रशासन ने निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने का दावा किया है। मतगणना 23 नवंबर को होगी और सभी की नजरें नतीजों पर टिकी हैं।