
महाराष्ट्र में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस मामले में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने 17 मार्च (सोमवार) को राज्य में आंदोलन करने का ऐलान किया है। हिंदू संगठनों ने सरकार से मांग की है कि औरंगजेब की कब्र को जल्द से जल्द हटा दिया जाए, अन्यथा वे खुद ‘कारसेवा’ करेंगे।
कब्र की सुरक्षा बढ़ाई गई
हिंदू संगठनों की चेतावनी के बाद प्रशासन ने औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा कड़ी कर दी है। पुलिस और स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स (SRPF) को तैनात कर दिया गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
वीएचपी और बजरंग दल की मांग
विश्व हिंदू परिषद के महाराष्ट्र-गोवा क्षेत्र प्रमुख गोविंद शेंडे ने कहा कि कुछ लोग औरंगजेब की तारीफ कर रहे हैं, जबकि उसने हिंदुओं पर अत्याचार किए थे। उन्होंने कहा,
“औरंगजेब ने न केवल हिंदुओं, बल्कि अपने ही पिता पर अत्याचार किया था। ऐसे क्रूर शासक का कोई भी निशान भारत में स्वीकार्य नहीं है। हम सरकार से अपील करते हैं कि हिंदुओं की भावनाओं को समझते हुए इस कब्र को जल्द से जल्द हटाया जाए।”
राजनीतिक माहौल गर्माया
इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक माहौल भी गर्म हो गया है। कुछ दल इसे सांप्रदायिक विवाद बताकर विरोध कर रहे हैं, जबकि हिंदू संगठन इसे ऐतिहासिक न्याय का मामला बता रहे हैं।
सरकार का रुख क्या होगा?
महाराष्ट्र सरकार अभी इस मामले में कोई बड़ा फैसला लेने से बच रही है, लेकिन हिंदू संगठनों के दबाव के चलते प्रशासन सतर्क हो गया है। अब देखना होगा कि सरकार इस विवाद को कैसे सुलझाती है।
👉 क्या होगा आगे?
- वीएचपी और बजरंग दल का आंदोलन होगा या सरकार खुद कोई निर्णय लेगी?
- सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए प्रशासन क्या कदम उठाएगा?
- राजनीतिक दल इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाएंगे?
महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद और आंदोलन के चलते स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।