
अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वैंस ने ग्रीन कार्ड को लेकर एक बयान दिया है, जिसने इस पर नई बहस छेड़ दी है। वैंस का कहना है कि ग्रीन कार्ड धारकों को अनिश्चित काल तक अमेरिका में रहने की गारंटी नहीं मिलती।
उन्होंने गुरुवार को एक इंटरव्यू में कहा कि ग्रीन कार्ड को ‘स्थायी निवास कार्ड’ कहा जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि धारक को हमेशा के लिए अमेरिका में रहने का अधिकार है। वैंस के इस बयान ने भारत सहित कई देशों के लाखों ग्रीन कार्ड आवेदकों की चिंता बढ़ा दी है।
जेडी वैंस ने क्या कहा?
वैंस ने फॉक्स न्यूज के एक शो ‘द इंग्राहम एंगल’ में लौरा इंग्राहम से बातचीत के दौरान कहा:
👉 “ग्रीन कार्ड धारकों को अमेरिका में अनिश्चित समय तक रहने की गारंटी नहीं है। यह कोई मौलिक अधिकार नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है।”
उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति और विदेश मंत्री को यह अधिकार होना चाहिए कि वे तय कर सकें कि कौन अमेरिका में रहने के लायक है और कौन नहीं।
भारत से लाखों लोग ग्रीन कार्ड के लिए कतार में
अमेरिका में भारतीय ग्रीन कार्ड धारकों की संख्या लाखों में है। साल 2022 में 1.27 लाख भारतीयों को ग्रीन कार्ड मिला, जबकि करीब 12 लाख से ज्यादा भारतीय इसके लिए आवेदन कर रहे हैं।
वैंस का यह बयान ऐसे समय आया है, जब ट्रंप प्रशासन “गोल्डन वीज़ा” योजना पर काम कर रहा है। इस योजना के तहत, 50 लाख डॉलर का निवेश करने वाले विदेशी नागरिकों को अमेरिकी नागरिकता दी जा सकती है।
क्या होता है ग्रीन कार्ड?
ग्रीन कार्ड, जिसे स्थायी निवास कार्ड भी कहा जाता है, अमेरिका में रहने और काम करने का कानूनी अधिकार देता है। इसे I-551 कार्ड या एलियन रजिस्ट्रेशन कार्ड भी कहा जाता है।
ग्रीन कार्ड धारक कुछ सालों के बाद अमेरिकी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, यदि कोई व्यक्ति अमेरिकी कानूनों का उल्लंघन करता है या राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बनता है, तो उसका ग्रीन कार्ड रद्द किया जा सकता है।
वैंस के बयान पर क्या होगा असर?
🔹 भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स और स्टूडेंट्स पर असर:
अगर ग्रीन कार्ड की प्रक्रिया को और सख्त किया जाता है, तो अमेरिका में काम कर रहे भारतीय आईटी पेशेवरों और छात्रों पर असर पड़ सकता है।
🔹 नागरिकता प्रक्रिया हो सकती है मुश्किल:
अगर सरकार यह तय करने लगे कि ग्रीन कार्ड धारकों को कब तक अमेरिका में रहने दिया जाए, तो इससे नागरिकता पाने की प्रक्रिया और कठिन हो सकती है।
🔹 अमेरिका में प्रवासियों की संख्या कम हो सकती है:
अगर ग्रीन कार्ड की वैधता पर सवाल उठते हैं, तो कई लोग अमेरिका जाने की योजना पर पुनर्विचार कर सकते हैं।
जेडी वैंस का बयान अमेरिका में ग्रीन कार्ड धारकों और प्रवासियों के लिए एक नई चिंता लेकर आया है। भारत सहित कई देशों से लाखों लोग ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन कर रहे हैं, लेकिन अब इसकी शर्तें और कड़ी हो सकती हैं।
अगर ग्रीन कार्ड की अनिश्चित वैधता पर सरकार कोई बड़ा फैसला लेती है, तो यह हजारों भारतीयों के सपनों पर असर डाल सकता है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि बाइडेन प्रशासन इस पर क्या रुख अपनाता है।