
पंजाब में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम अब और तेज़ हो गई है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर विजिलेंस विभाग लगातार एक्शन मोड में है। अब इस मुहिम का अगला निशाना बने हैं जालंधर से विधायक रमन अरोड़ा। उनके और उनके करीबियों के नाम पर दर्ज कथित बेनामी संपत्तियों की जांच ज़ोरों पर है।
जांच की रफ्तार तेज, कई इलाके जांच के घेरे में
मंगलवार को विजिलेंस टीम ने जालंधर के अलग-अलग इलाकों में ज़मीन और प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेजों की गहराई से जांच की। बताया जा रहा है कि टीम ने रेवेन्यू रिकॉर्ड की गहनता से छानबीन की है और शहर के पाचं पटवारियों, आसपास के गांवों के पटवारियों और कानूनगो को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
इन अधिकारियों से उन संपत्तियों के रिकॉर्ड मांगे गए हैं जिन पर रमन अरोड़ा या उनके करीबी लोगों के मालिक होने का शक है। दस्तावेजों से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि संपत्तियां किसके नाम पर हैं, कब खरीदी गईं और खरीद-फरोख्त में कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई।
इन संपत्तियों की हुई जांच
मंगलवार को विजिलेंस विभाग ने जिन संपत्तियों की जांच की, उनमें शामिल हैं:
गुरु नानक मिशन चौक के पास एक अस्पताल की बिल्डिंग
रिलायंस मॉल के पीछे कब्जे की जमीन
मॉडल टाउन में एक बैंक के पास बनी कमर्शियल बिल्डिंग
कमल पैलेस से शास्त्री मार्केट को जाने वाली सड़क पर टायर शोरूम की संपत्ति
मकसूदा की सब्ज़ी मंडी में कुछ दुकानें
इंडस्ट्रियल एरिया, सुच्ची पिंड, होशियारपुर रोड और कपूरथला रोड के आसपास की ज़मीनें
कुल मिलाकर विजिलेंस विभाग ने जालंधर शहर और उसके आसपास की 42 से ज़्यादा प्रॉपर्टियों की जांच की है, जिनमें रिहायशी, व्यावसायिक, इंडस्ट्रियल और खेतीबाड़ी की ज़मीनें शामिल हैं।
मौके पर पहुंच कर भी हो रही जांच
विजिलेंस की टीमें सिर्फ दस्तावेज़ ही नहीं देख रहीं, बल्कि कई जगहों पर मौके पर जाकर भी जांच कर रही हैं। सुच्ची पिंड, होशियारपुर रोड, कपूरथला रोड, चोहकां और बड़िंग जैसे इलाकों में विजिलेंस अफसरों ने खुद जाकर खेतों और प्रॉपर्टियों का मुआयना किया। इनमें से कुछ जगहों पर अवैध कॉलोनियां भी काटी जा चुकी हैं या भविष्य में काटने की योजना है।
जांच का दायरा बढ़ा, रिश्तेदार और दोस्त भी रडार पर
विजिलेंस विभाग ने जांच को सिर्फ विधायक रमन अरोड़ा तक सीमित नहीं रखा। अब उनके रिश्तेदारों, करीबी दोस्तों और जान-पहचान वालों के नाम पर खरीदी गई संपत्तियों की भी जांच हो रही है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं उन्होंने अपनी कथित काली कमाई को छिपाने के लिए इन लोगों के नाम का इस्तेमाल तो नहीं किया।
कुछ मामलों में संपत्तियों की बाजार कीमत और भुगतान किए गए टैक्स में बड़ा फर्क पाया गया है, जिससे शक और गहरा हो गया है। विजिलेंस अब हर खरीद-फरोख्त की कड़ी जोड़कर यह समझने की कोशिश कर रही है कि कहीं इसमें विधायक की छिपी हुई भूमिका तो नहीं है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ पंजाब सरकार की कार्रवाई अब बड़े चेहरों तक पहुंच रही है। रमन अरोड़ा के मामले में विजिलेंस की गंभीरता और जांच की गहराई से लगता है कि यह मामला आने वाले समय में और बड़ा रूप ले सकता है। जनता अब देख रही है कि क्या यह जांच किसी निष्कर्ष तक पहुंचेगी या फिर ये सिर्फ एक और राजनीतिक ड्रामा बनकर रह जाएगी।