मणिपुर में हालात एक बार फिर से गंभीर हो गए हैं। विरोध प्रदर्शनों के बीच मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के आवास पर हमला हुआ, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। प्रदर्शनकारियों के उग्र रवैये के कारण पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। हालांकि, मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह घटना के समय अपने ऑफिस में मौजूद थे और पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
कर्फ्यू और इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने इंफाल में कर्फ्यू लागू कर दिया है। हिंसा के बाद उत्पन्न तनाव को देखते हुए छह जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। यह कदम अफवाहों और गलत जानकारी के प्रसार को रोकने के लिए उठाया गया है।
मंत्रियों के आवास पर हमले
इंफाल पश्चिम जिले के लांफेल सनकेथेल इलाके में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री सपम रंजन के आवास पर प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया। इसके अलावा, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण मंत्री एल. सुसिन्द्रो सिंह के घर को भी निशाना बनाया गया।
मुख्यमंत्री के दामाद के घर के बाहर प्रदर्शन
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद और भाजपा विधायक आरके इमो के आवास के बाहर भी प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए। उन्होंने हाल ही में हुई हत्याओं के लिए दोषियों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर कार्रवाई में देरी का आरोप लगाते हुए विरोध तेज कर दिया।
स्वतंत्र विधायक और समाचार कार्यालय पर हमला
केशमथोंग निर्वाचन क्षेत्र के टिड्डिम रोड स्थित निर्दलीय विधायक सपम निशिकांत सिंह के आवास पर भी प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों ने विधायक के स्वामित्व वाले एक स्थानीय समाचार पत्र के ऑफिस पर भी हमला किया, जिससे हालात और बिगड़ गए।
हिंसा का कारण
मणिपुर में हिंसा की नई लहर का कारण जिरीबाम जिले से छह लापता लोगों में से तीन के शवों का बरामद होना है। इनमें एक महिला और दो बच्चों के शव शामिल हैं, जिन्हें मणिपुर-असम सीमा पर जिरी और बराक नदियों के संगम के पास पाया गया। शवों को असम के सिलचर लाया गया है, जहां उनकी पहचान के लिए फोटो एकत्र किए गए हैं और पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़
बिष्णुपुर जिले के इरेंगबाम मानिंग इलाके में सुरक्षा बलों और संदिग्ध उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। हालांकि, इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है।
सरकार की चुनौतियां और स्थिति नियंत्रण का प्रयास
राज्य सरकार के सामने चुनौती हिंसा को रोकने और स्थिति को नियंत्रित करने की है। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है। इसके साथ ही, पुलिस और प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि हालात और न बिगड़ें।
स्थिति की गंभीरता और आगे का रास्ता
मणिपुर की मौजूदा स्थिति राज्य में कानून व्यवस्था के बड़े संकट को दर्शाती है। हिंसा के लगातार भड़कने से राज्य की स्थिरता पर सवाल उठ रहे हैं। मृतकों की पहचान और दोषियों की गिरफ्तारी के बाद ही स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा सकती है।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण है। लोगों की भावनाओं को शांत करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।