
नागपुर, 18 मार्च 2025: महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार (17 मार्च) की रात अचानक हिंसा भड़क उठी, जो कुछ ही देर में शहर के कई इलाकों तक फैल गई। हालात बेकाबू होते देख प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया। इस घटना के बाद लोग जानना चाहते हैं कि आखिर यह हिंसा क्यों और कैसे शुरू हुई।
कैसे भड़की हिंसा?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हिंदूवादी संगठनों ने औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर सोमवार को प्रदर्शन किया। इसी दौरान यह अफवाह फैली कि किसी ने पवित्र धार्मिक ग्रंथ को जला दिया है। इस अफवाह के कारण माहौल बिगड़ गया और शाम करीब 7:30 बजे महल के चिटनिस पार्क इलाके में हिंसा भड़क उठी। प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर पत्थर फेंके गए, जिसमें छह नागरिक और तीन पुलिस अधिकारी घायल हो गए।
धीरे-धीरे यह अशांति कोतवाली और गणेशपेठ इलाकों तक फैल गई। रात बढ़ने के साथ स्थिति और गंभीर हो गई, जिससे शहर में तनाव बढ़ गया।
हिंसा में तोड़फोड़ और आगजनी
हिंसा में करीब 1,000 लोगों की भीड़ शामिल थी, जिन्होंने बड़े पैमाने पर पथराव, तोड़फोड़ और आगजनी की। इस दौरान कई वाहन और घरों को नुकसान पहुंचाया गया। नागपुर पुलिस कमिश्नर के मुताबिक, हिंसा रात 8 बजे से 8:30 बजे के बीच अपने चरम पर थी, जिसके बाद पुलिस और सुरक्षा बलों को हस्तक्षेप करना पड़ा।
नागपुर के हंसपुरी इलाके में भी दंगाइयों ने दुकानों में तोड़फोड़ की और वाहनों को आग के हवाले कर दिया। स्थिति और बिगड़ने पर पुलिस ने अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी।
रातभर चला बवाल
रात 10:30 बजे से 11:30 बजे के बीच ओल्ड भंडारा रोड के पास एक और झड़प हुई, जिसमें हिंसक भीड़ ने कई वाहनों में आग लगा दी। इसके अलावा, घरों और एक क्लिनिक में भी तोड़फोड़ की गई, जिससे स्थानीय लोग दहशत में आ गए।
अफवाह से फैली हिंसा
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, हिंसा उस वक्त शुरू हुई जब बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने महल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के पास प्रदर्शन किया। इस दौरान यह अफवाह फैली कि किसी ने पवित्र ग्रंथ को जला दिया है। इससे मुस्लिम समुदाय में आक्रोश फैल गया और हिंसा भड़क उठी।
बाद में, गणेशपेठ पुलिस स्टेशन में पवित्र ग्रंथ को जलाने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई गई, जिससे तनाव और बढ़ गया।
स्थिति अब नियंत्रण में
नागपुर पुलिस ने बताया कि स्थिति अब धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रही है। हिंसा प्रभावित इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं और कर्फ्यू जारी है। प्रशासन लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहा है और अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह दी गई है।
नागपुर में हुई यह हिंसा अफवाहों और तनाव के कारण भड़की। पुलिस मामले की जांच कर रही है और हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और शहर में शांति व्यवस्था जल्द बहाल की जाएगी।