भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और क्रिकेट के सुपरस्टार विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में इतिहास रचते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ टेस्ट में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। 24 नवंबर को पर्थ टेस्ट के तीसरे दिन कोहली ने अपना 30वां टेस्ट शतक जमाया और इस तरह उन्होंने टेस्ट क्रिकेट के महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रेडमैन का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
कोहली ने तोड़ा डॉन ब्रेडमैन का रिकॉर्ड
विराट कोहली के 30वें टेस्ट शतक ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक शतक बनाने के मामले में सर डॉन ब्रेडमैन से आगे कर दिया है। डॉन ब्रेडमैन, जिनके नाम 29 टेस्ट शतक थे, को पीछे छोड़ते हुए कोहली ने यह रिकॉर्ड अपने नाम किया। कोहली ने यह शतक अपने करियर की 202वीं पारी में लगाया, जो कि एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि इससे पहले यह रिकॉर्ड ब्रेडमैन के नाम था, जिन्होंने 29 शतक अपनी 234 पारी में लगाए थे।
कोहली का शतक और पर्थ टेस्ट का हाल
पर्थ टेस्ट के तीसरे दिन कोहली ने धांसू अंदाज में बल्लेबाजी की और शतक के लिए 143 गेंदों का सामना किया। उनके शतक के साथ ही भारतीय टीम की पारी 6 विकेट पर 487 रन बनाकर घोषित कर दी गई। कोहली का यह शतक भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण था, क्योंकि इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय टीम को बड़ी साझेदारी की जरूरत थी। कोहली के शतक ने भारतीय पारी को मजबूती दी और उनके शतक के बाद भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 534 रनों का विशाल लक्ष्य देने का फैसला किया।
मैथ्यू हेडेन और शिवनारायण चंद्रपॉल के साथ बराबरी
कोहली के करियर का यह 30वां टेस्ट शतक उन्हें मैथ्यू हेडेन और शिवनारायण चंद्रपॉल की बराबरी पर ले आया है, जिन्होंने भी टेस्ट क्रिकेट में 30-30 शतक बनाए थे। इस शतक के साथ ही कोहली ने अपने नाम एक और महत्वपूर्ण रिकॉर्ड जोड़ लिया और टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक शतक बनाने वाले खिलाड़ियों की सूची में अपना स्थान और मजबूत किया।
कोहली की बल्लेबाजी में निरंतरता
विराट कोहली का यह शतक उनके टेस्ट करियर की निरंतरता और शानदार फॉर्म का प्रतीक है। पिछले कुछ वर्षों से, जबकि कोहली सीमित ओवर क्रिकेट में अपने शानदार प्रदर्शन से सुर्खियों में रहे हैं, टेस्ट क्रिकेट में उनका प्रदर्शन भी लगातार उत्कृष्ट रहा है। यह शतक उनकी बल्लेबाजी की उस तकनीकी दक्षता और मानसिक मजबूती को दर्शाता है, जो उन्हें टेस्ट क्रिकेट में एक प्रभावशाली खिलाड़ी बनाती है।
भारतीय टीम का मजबूत प्रदर्शन
पर्थ टेस्ट में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है। विराट कोहली के शतक के अलावा, भारतीय बल्लेबाजों ने मिलकर एक मजबूत पारी खेली। उनके 100 रन बनाकर नाबाद रहने के बाद भारतीय टीम ने घोषित की गई पारी में 6 विकेट पर 487 रन बनाए। इसके बाद, भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को 534 रनों का विशाल लक्ष्य दिया, जो कि किसी भी टेस्ट मैच में एक चुनौतीपूर्ण टारगेट है।
आगे का रास्ता
विराट कोहली के इस ऐतिहासिक शतक ने न केवल भारतीय क्रिकेट को गर्वित किया है, बल्कि यह एक प्रेरणा भी है कि कैसे निरंतर मेहनत और संकल्प के साथ किसी भी खिलाड़ी को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में सफलता मिल सकती है। कोहली के टेस्ट शतक ने उनके टेस्ट करियर की समृद्धि को और भी ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। अब उनके आगे 40 या उससे अधिक टेस्ट शतक लगाने की संभावनाएं भी खुल गई हैं।
विराट कोहली का यह शतक न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी एक गौरवमयी क्षण है। टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में उनका नाम हमेशा स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा।