
पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने कहा, “पंजाब सरकार और यहां के लोग हमेशा किसानों के साथ खड़े रहे हैं, चाहे वह तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई हो या फिर मोदी सरकार की स्टेडियमों को जेल में बदलने की योजना के खिलाफ विरोध।”
उन्होंने यह भी कहा कि हाईवे लंबे समय तक बंद रहने से पंजाब को भारी नुकसान हुआ है। उद्योग, कारोबार और नौजवान प्रभावित हो रहे हैं।
“रोज़गार ज़रूरी, ताकि नौजवान नशे से दूर रहें”
संधवां ने कहा कि पंजाब की नशे के खिलाफ लड़ाई सिर्फ़ तस्करों को गिरफ्तार करने या सज़ा देने तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा,
“हमें अपने नौजवानों को रोज़गार के अवसर देने होंगे। जब युवाओं के पास नौकरी होगी, तो वे स्वाभाविक रूप से नशे से दूर रहेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के आर्थिक विकास के लिए हाईवे खुले रहना ज़रूरी है।
“किसानों की मांगें जायज़, लेकिन विरोध दिल्ली में करें”
किसान संगठनों से सीधी अपील करते हुए संधवां ने कहा,
“आपकी मांगें, जैसे कि MSP की गारंटी, बिल्कुल जायज़ हैं, लेकिन यह मामला केंद्र सरकार से जुड़ा है। हम आपसे अपील करते हैं कि आप अपना संघर्ष दिल्ली ले जाएं और वहीं भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करें।”
उन्होंने आगे कहा कि पंजाब के हाईवे और व्यापारिक रास्ते खुले रखने होंगे ताकि उद्योग और अर्थव्यवस्था आगे बढ़ सके।
“पंजाब को और नुकसान नहीं सहना चाहिए”
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि पिछले साल बासमती चावल की कीमतों में भारी गिरावट आई थी, जिससे किसानों और व्यापारियों को बड़ा वित्तीय नुकसान हुआ। इसी तरह, सड़कों के बंद होने से सब्ज़ी उत्पादकों और छोटे कारोबारियों को भी बड़ा झटका लगा है।
“आइए, हम मिलकर किसानों की मांगों को पूरा करवाने के साथ-साथ पंजाब की तरक्की भी सुनिश्चित करें,” संधवां ने कहा।
अब देखना होगा कि किसान संगठन इस अपील पर क्या रुख अपनाते हैं और क्या वे दिल्ली जाकर अपना प्रदर्शन जारी रखते हैं या नहीं।