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भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आगामी पांच से सात दिनों के भीतर उत्तर-पश्चिमी भारत में कड़ाके की ठंड की संभावना जताई है। मौसम विभाग के मुताबिक, इस दौरान दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब सहित अन्य राज्यों में सर्दी का असर देखा जाएगा। इन राज्यों में तापमान में गिरावट के साथ कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ सकता है।
मौसम विभाग ने बताया कि उत्तरी भारत में सर्दी की लहर का असर अगले कुछ दिनों तक बना रहेगा, जिससे लोगों को ठंड से राहत मिलती नहीं दिखेगी। दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में 19 दिसंबर को घने कोहरे का असर हो सकता है, और दिन के समय भी हलका कोहरा बना रह सकता है। दिल्ली का अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है, जबकि रात का तापमान 7 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।
इसके अलावा, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जिसके कारण तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों और यानम के लिए ओरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि रायलसीमा में भारी बारिश की संभावना के मद्देनजर येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों में बारिश की तीव्रता बढ़ सकती है।
IMD ने बताया कि 19 से 22 दिसंबर तक हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। इन क्षेत्रों में सर्दी के कारण जनजीवन प्रभावित हो सकता है, और लोगों को ठंड से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानियां बरतनी होंगी। मौसम विभाग के अनुसार, इन इलाकों में तापमान में गिरावट जारी रहेगी, जिससे ठंड में और वृद्धि हो सकती है।
इस बीच, उत्तर भारत के कई इलाकों में सीतलहर के कारण शीतल हवाएं चलने की संभावना है, जिससे ठंड का असर और बढ़ सकता है। इस सीतलहर के दौरान अधिकतर इलाकों में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी, और दिन के तापमान में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं, दक्षिणी भारत के तटीय क्षेत्र में बारिश का प्रभाव बना रहेगा, और यहां की स्थिति में कुछ बदलाव आने की उम्मीद है।
मौसम विभाग ने संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अलर्ट जारी करते हुए नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है। खासकर उत्तर भारत के राज्यों में जहां ठंड और कोहरे का असर अधिक रहेगा, वहां सड़क यातायात और रेल सेवाओं में भी देरी हो सकती है।
इस मौसम को देखते हुए नागरिकों को आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी जा रही है, जैसे कि भारी वस्त्र पहनना, मौसम की स्थिति के अनुसार योजना बनाना और जरूरी दवाओं की व्यवस्था करना। इसके अलावा, बारिश और ठंड के कारण किसानों को भी सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है ताकि उनकी फसलें प्रभावित न हों।