वायनाड में विनाशकारी भूस्खलन के बीच, केरल पुलिस ने पर्यटकों को ‘Dark Tourism‘ के बारे में चेतावनी जारी की है। इस संबंध में, पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर पर्यटकों से अपील की है। दरअसल, वायनाड में भूस्खलन के पांच दिन बाद भी बचाव कार्य जारी है। पुलिस नहीं चाहती कि बचाव कर्मियों को अपने ऑपरेशन में किसी भी तरह की बाधा का सामना करना पड़े।
वायनाड में विनाशकारी भूस्खलन के बाद चल रहे बचाव कार्यों के बीच, केरल पुलिस ने पर्यटकों को ‘Dark Tourism’ के बारे में चेतावनी जारी की है। पुलिस ने सोशल मीडिया पर पर्यटकों से अपील की है कि वे भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में न आएं, क्योंकि इससे बचाव कार्यों में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
केरल पुलिस विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर चेतावनी देते हुए लिखा, “कृपया आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा न करें। इससे बचाव कार्य प्रभावित होगा।”
Dark Tourism क्या है?
Dark Tourism का मतलब है उन स्थानों का दौरा करना जो मृत्यु और त्रासदी से जुड़े होते हैं। यानी जब लोग किसी दुर्घटना या घटना के स्थान पर घूमने जाते हैं, तो इसे Dark Tourism कहा जाता है।
1996 में गढ़ा गया था Dark Tourism शब्द
Pina Travels के एक ब्लॉग पोस्ट में कहा गया है कि Dark Tourism शब्द को 1996 में ग्लासगो कैल्डोनियन विश्वविद्यालय के जे. जॉन लेनन और मैल्कम फोली द्वारा गढ़ा गया था। यह शब्द उन स्थानों की यात्रा को दर्शाता है जहां दुख या आपदा हुई है। इन पर्यटन स्थलों में अत्याचार, प्राकृतिक आपदाओं, नरसंहारों या कुख्यात मौतों के स्थान शामिल हैं।
केरल पुलिस ने लोगों से सहयोग करने और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में न जाने की अपील की है ताकि बचाव और राहत कार्यों को सुचारू रूप से अंजाम दिया जा सके।
पांच दिन बाद भी बचाव कार्य जारी
वायनाड में भूस्खलन के पांच दिन बाद भी बचाव कार्य तेजी से जारी है। भारी मशीनरी और अत्याधुनिक उपकरणों के साथ 1300 से अधिक बचाव कर्मी मलबे के नीचे फंसे लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं।
अब तक 344 से अधिक लोगों की मौत
इस दुर्घटना में अब तक 344 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों लोग अभी भी लापता हैं, जिसके कारण मौतों की संख्या बढ़ सकती है।