
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज मोहाली से राज्य के लोगों को एक बड़ी सौगात दी है। उन्होंने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में ईज़ी रजिस्ट्री सिस्टम की शुरुआत की। इस नई व्यवस्था के जरिए अब लोगों को जमीन या प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने में न तो परेशान होना पड़ेगा और न ही किसी सरकारी दफ्तर के चक्कर काटने होंगे।
क्या है ईज़ी रजिस्ट्री?
ईज़ी रजिस्ट्री एक ऑनलाइन सुविधा है जिसमें व्यक्ति खुद ही अपने दस्तावेज़ तैयार कर सकता है। अब किसी को यह सोचने की ज़रूरत नहीं कि रजिस्ट्री कहां से करानी है या किससे मदद लेनी है। लोग अपना ड्राफ्ट दस्तावेज़ पोर्टल पर जाकर खुद डाउनलोड कर सकते हैं। इस ड्राफ्ट में कलेक्टर रेट, खसरा नंबर जैसी सभी जानकारी पहले से शामिल होगी।
इसके बाद सब-रजिस्ट्रार को 48 घंटे का समय मिलेगा कि वह इस दस्तावेज़ पर कोई आपत्ति दर्ज करे। अगर कोई आपत्ति नहीं आती है तो रजिस्ट्री स्वतः मंज़ूर मानी जाएगी। यदि कोई कमी पाई जाती है तो व्यक्ति को व्हाट्सएप के माध्यम से सूचित किया जाएगा और उसे गलती सुधारने का मौका मिलेगा।
कितनी लगेगी फीस?
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह सेवा आम लोगों के लिए शुरू की गई है और इसकी फीस केवल 550 रुपये रखी गई है। यह फीस सेवा केंद्र पर जाकर दी जा सकती है, और वहीं से रजिस्ट्री भी लिखवाई जा सकती है।
कहां से होगी रजिस्ट्री?
अब लोग अपने जिले की किसी भी तहसील या सब-तहसील में जाकर रजिस्ट्री करवा सकते हैं। पहले लोगों को यह स्पष्ट नहीं होता था कि किस जगह से रजिस्ट्री कराई जाए। इस नई सुविधा से यह भ्रम भी खत्म हो जाएगा। रजिस्ट्री से जुड़ी हर जानकारी और नोटिफिकेशन लोगों को व्हाट्सएप पर मिलती रहेगी।
भ्रष्टाचार पर रोक
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साफ कहा कि यदि कोई गलत रजिस्ट्री होती है, तो उसकी जिम्मेदारी डिप्टी कमिश्नर की होगी। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि रजिस्ट्री के लिए कोई रिश्वत न ली जाए और सिर्फ निर्धारित शुल्क ही लगे। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने पंजाब को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का वादा किया था, और यह उसी दिशा में पहला कदम है।”
आने वाले समय में पूरी तरह लागू
फिलहाल यह सुविधा मोहाली में शुरू की गई है और आने वाले 2-3 महीनों में पूरे पंजाब में लागू कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि यह मॉडल इतना सफल होगा कि एक दिन पूरे देश में इसे अपनाया जाएगा।
‘ईज़ी रजिस्ट्री’ सेवा आम आदमी के लिए एक ऐतिहासिक और क्रांतिकारी कदम है। इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि लोगों को सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिखा दिया है कि अगर नीयत साफ हो, तो व्यवस्था भी सुधारी जा सकती है।