श्री हरमंदिर साहिब में आज उस समय सनसनी फैल गई जब श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से लगाई गई धार्मिक सजा के तहत सेवा कर रहे सुखबीर सिंह बादल पर जानलेवा हमला हुआ। यह हमला तब हुआ जब सुखबीर सिंह बादल दरबार साहिब की दर्शनी ड्योढ़ी पर सेवादार के रूप में ड्यूटी निभा रहे थे। हमलावर नारायण सिंह चौड़ा ने उन पर गोली चलाने की कोशिश की।
घटना के दौरान सतर्कता से बची जान
हालांकि, घटना के दौरान वहां मौजूद अन्य सेवादारों ने नारायण सिंह को तुरंत काबू कर लिया। गोली चलने के बावजूद किसी प्रकार की जानहानि नहीं हुई। यह घटना पंजाब में सुरक्षा और धार्मिक स्थलों की गरिमा पर गहरी चिंता खड़ी करती है।
कौन है नारायण सिंह चौड़ा?
नारायण सिंह चौड़ा एक विवादित और कथित तौर पर चरमपंथी संगठनों लिबरेशन फोर्स और अकाल फेडरेशन से जुड़ा व्यक्ति है।
- उसका जन्म 4 अप्रैल 1956 को गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक के गांव चौड़ा में हुआ था।
- 28 फरवरी 2013 को उसे तरनतारन के गांव जलालाबाद से गिरफ्तार किया गया था। उसके अन्य साथियों को उसी दिन पुलिस ने पकड़ लिया था।
- पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के बाद मोहाली जिले के कुराली गांव में एक ठिकाने पर छापा मारा और वहां से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया था।
आपराधिक इतिहास
नारायण सिंह का आपराधिक इतिहास लंबा रहा है।
- 2010 में विस्फोटक अधिनियम के तहत उस पर अमृतसर के सिविल लाइंस थाने में एक दर्जन के करीब मामले दर्ज किए गए थे।
- वह अमृतसर, तरनतारन और रूपनगर जिलों में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामलों में वांछित था।
- 1984 में वह कथित रूप से पाकिस्तान भाग गया था और खालिस्तानी उग्रवाद के शुरुआती चरणों में हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी में शामिल रहा।
नारायण सिंह की गतिविधियां और गिरफ्तारी
पाकिस्तान में रहते हुए उसने गुरिल्ला युद्ध और भारत-विरोधी साहित्य पर एक किताब भी लिखी थी। उसका नाम बुड़ैल जेल ब्रेक केस में भी आया था। हालांकि, बाद में अमृतसर की एक अदालत ने उसे विस्फोटक अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में बरी कर दिया था।
सुरक्षा चिंताएं
इस हमले ने पंजाब में धार्मिक स्थलों और नेताओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। श्री हरमंदिर साहिब जैसे पवित्र स्थान पर इस तरह की घटना न केवल धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाती है, बल्कि राज्य की सुरक्षा के लिए भी बड़ी चुनौती है।
सुखबीर सिंह बादल पर हुआ यह हमला पंजाब की राजनीति और धार्मिक स्थलों की गरिमा के लिए गंभीर मसला है। पुलिस को इस मामले में साजिश की गहराई से जांच करनी होगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
पंजाब सरकार और पुलिस को इस घटना के पीछे की साजिश और हमलावर की मंशा का पता लगाकर दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की जरूरत है।