
पंजाब सरकार ने एक बार फिर किसानों के समर्थन में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आज भी किसानों के हक में खड़े हैं और उनकी सभी मांगें केंद्र सरकार से जुड़ी हुई हैं। राज्य सरकार ने किसानों के साथ कोई अन्याय नहीं किया है।
हाल ही में, पंजाब को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए बॉर्डर खाली करवाए गए। सरकार का कहना है कि पंजाब की आर्थिक स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाना जरूरी था, लेकिन किसानों के प्रति हमारा समर्थन जारी रहेगा।
नशे के खिलाफ ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम की शुरुआत
पंजाब में नशे की बढ़ती समस्या को खत्म करने के लिए सरकार ने ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ नामक विशेष अभियान शुरू किया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य नशे के कारोबार को जड़ से खत्म करना और युवाओं को नशे की लत से बचाना है।
सरकार ने कड़ा एक्शन लेते हुए नशा बेचने वाले तस्करों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाना शुरू कर दिया है। अवैध तरीके से खड़े किए गए महल और आलीशान इमारतों को तोड़ा जा रहा है। सरकार का कहना है कि नशे के कारोबारियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
पंजाब में नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई
सरकार द्वारा उठाए गए सख्त कदमों के तहत:
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नशा बेचने और तस्करी करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
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ड्रग माफिया की संपत्तियों को जब्त किया जा रहा है।
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नशे के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।
सरकार का मानना है कि अगर नशे के तस्करों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और युवाओं को सही मार्गदर्शन दिया जाए, तो पंजाब को नशामुक्त बनाया जा सकता है।
नशे के सौदागरों को नहीं मिलेगी माफी
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि जो लोग नशे का कारोबार कर रहे हैं और मासूम युवाओं की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जाएगा। सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह गंभीर है और जल्द ही पंजाब को नशे से मुक्त करने के लिए और भी बड़े कदम उठाएगी।
पंजाब के लिए सरकार की दोहरी लड़ाई
इस समय पंजाब सरकार दो बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही है – किसानों के हितों की रक्षा और नशे के खिलाफ लड़ाई। एक तरफ सरकार किसानों के समर्थन में खड़ी है, तो दूसरी तरफ नशे को जड़ से खत्म करने के लिए सख्त कार्रवाई कर रही है।
पंजाब के लोग इस अभियान का समर्थन कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही राज्य नशे से पूरी तरह मुक्त होगा और किसानों को भी उनका हक मिलेगा।