साल 2025 के पहले छह महीने के लिए हेनले पासपोर्ट इंडेक्स की रैंकिंग जारी हो गई है। यह इंडेक्स दुनिया के सभी देशों के पासपोर्ट की ताकत को मापता है। रैंकिंग इस आधार पर तय की जाती है कि किसी देश का पासपोर्ट धारक कितने देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकता है। इस बार सिंगापुर ने दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट होने का गौरव हासिल किया है।
सिंगापुर का पासपोर्ट दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट
हेनले एंड पार्टनर्स द्वारा जारी किए गए इंडेक्स के मुताबिक, सिंगापुर का पासपोर्ट दुनिया में सबसे शक्तिशाली है। सिंगापुर के नागरिक दुनिया के 195 में से 193 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। सिंगापुर ने जापान को पीछे छोड़ते हुए इस बार शीर्ष स्थान प्राप्त किया।
जापान का दूसरा स्थान
जापान, जो पिछले कुछ वर्षों में लगातार सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट की सूची में पहले स्थान पर रहा, इस बार दूसरे स्थान पर खिसक गया है। जापानी पासपोर्ट धारक 193 देशों में वीजा फ्री यात्रा कर सकते हैं।
तीसरे स्थान पर कौन?
जापान के बाद, तीसरे स्थान पर दक्षिण कोरिया, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन और फिनलैंड का नाम है। इन देशों के पासपोर्ट धारक 192 देशों में बिना वीजा के प्रवेश कर सकते हैं।
चौथे और पांचवें स्थान पर कौन?
चौथे स्थान पर ऑस्ट्रिया, आयरलैंड, डेनमार्क, लक्ज़मबर्ग, नॉर्वे, स्वीडन और नीदरलैंड शामिल हैं। इन देशों के पासपोर्ट धारक 191 देशों में वीजा फ्री एंट्री पा सकते हैं। वहीं, पांचवें स्थान पर न्यूजीलैंड, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन और बेल्जियम हैं। इन देशों के पासपोर्ट से 190 देशों में वीजा फ्री यात्रा की जा सकती है।
पाकिस्तान का पासपोर्ट सबसे कमजोरों में शामिल
दुनिया के सबसे कमजोर पासपोर्ट वाले देशों की सूची में पाकिस्तान का नाम फिर से शामिल हुआ है। पाकिस्तान का पासपोर्ट हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में 103वें स्थान पर है। पाकिस्तान के नागरिक केवल 33 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। यह रैंकिंग पाकिस्तान की वैश्विक स्थिति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के कमजोर पड़ाव को दर्शाती है।
सोमालिया, फिलिस्तीन, नेपाल और बांग्लादेश की स्थिति बेहतर
पाकिस्तान के मुकाबले सोमालिया (102वीं रैंक), फिलिस्तीन, नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों की रैंकिंग बेहतर है। ये देश पाकिस्तान से ऊपर हैं और इनके पासपोर्ट धारकों को अधिक देशों में वीजा फ्री एंट्री मिलती है।
भारत का पासपोर्ट: पाकिस्तान से कहीं बेहतर
भारत ने इस साल भी अपनी स्थिति को पाकिस्तान की तुलना में कहीं मजबूत बनाए रखा है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 में भारत का रैंक 85वां है। भारतीय पासपोर्ट धारक 57 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। हालांकि, पिछले साल की तुलना में भारत की रैंकिंग में गिरावट आई है। भारत 2024 में 80वें स्थान पर था, लेकिन इस बार पांच स्थान नीचे खिसककर 85वें नंबर पर आ गया है।
भारत की स्थिति को कैसे सुधार सकते हैं?
भारत की रैंकिंग में सुधार लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करना, वीजा संबंधी समझौतों पर ध्यान देना, और भारतीय पासपोर्ट धारकों को अधिक अधिकार दिलाना जरूरी है। इससे न केवल भारत की पासपोर्ट रैंकिंग में सुधार होगा, बल्कि भारतीयों के लिए विदेश यात्रा को और आसान बनाया जा सकेगा।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स कैसे काम करता है?
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स किसी देश की रैंकिंग उस आधार पर तय करता है कि उसके पासपोर्ट से वीजा फ्री यात्रा के लिए कितने देशों में प्रवेश किया जा सकता है। वीजा ऑन अराइवल को भी वीजा फ्री यात्रा में शामिल किया जाता है।
इस सूची का मकसद यह दिखाना है कि किसी देश की अंतरराष्ट्रीय स्थिति कितनी मजबूत है और उसके नागरिकों को विदेश यात्रा में कितनी सहूलियत मिलती है।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 ने एक बार फिर यह साबित किया है कि सिंगापुर, जापान और यूरोपीय देशों के पासपोर्ट दुनिया में सबसे शक्तिशाली हैं। वहीं, भारत ने पाकिस्तान की तुलना में कहीं बेहतर स्थिति बनाए रखी है, लेकिन रैंकिंग में आई गिरावट पर ध्यान देना जरूरी है। दूसरी ओर, पाकिस्तान का पासपोर्ट सबसे कमजोरों में शामिल रहकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी कमजोर स्थिति को दर्शाता है।
भारत और पाकिस्तान के बीच पासपोर्ट रैंकिंग में बड़ा अंतर यह दिखाता है कि दोनों देशों की वैश्विक रणनीतियों में कितनी भिन्नता है। भारतीय पासपोर्ट धारकों को अधिक देशों में वीजा फ्री यात्रा की अनुमति दिलाने के लिए नीति-निर्माताओं को नई पहल करनी होगी।