
पंजाब सरकार ने राज्य को नशा मुक्त बनाने के लिए अपनी लड़ाई तेज कर दी है। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, जो “युद्ध नशे के विरुद्ध” कैबिनेट सब-कमेटी के चेयरमैन हैं, ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में सरकार ने नशा तस्करों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। उन्होंने साफ कहा कि जो भी नशे के धंधे में शामिल होगा या अपराधियों को बचाने की कोशिश करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली व्यक्ति क्यों न हो।
1 मार्च से 5 मार्च तक बड़ी कार्रवाई
हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि 1 से 5 मार्च के बीच 530 एफआईआर दर्ज की गईं और 697 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में नशा बरामद किया, जिसमें शामिल हैं:
- 42 किलो हेरोइन
- 15 किलो अफीम
- 41,027 मेडिकल नशे की गोलियां और कैप्सूल
सरकार ने रूपनगर, एस.बी.एस. नगर, गुरदासपुर, पठानकोट और तरनतारन जिलों में बड़े स्तर पर अभियान चलाया।
नशे के खिलाफ कड़े कदम
सरकार ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की निगरानी में कई अहम कदम उठाए हैं:
- जेलों की तलाशी, ताकि वहां मोबाइल फोन और नशे की तस्करी पर रोक लगाई जा सके।
- केमिस्ट की दुकानों की जांच, ताकि प्रतिबंधित दवाओं की अवैध बिक्री न हो।
- पहचान किए गए तस्करों और उनके कोरियर पर छापेमारी।
- स्कूल-कॉलेजों में छात्रों के साथ बैठकें और नशा विरोधी जागरूकता अभियान।
- ग्रामीण और शहरी इलाकों में “संपर्क बैठकें”, जिससे लोग इस अभियान का हिस्सा बन सकें।
वित्त मंत्री चीमा ने बताया कि ड्रग इंस्पेक्टरों की भूमिका अहम है और सिविल व पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वे नशे की बिक्री रोकने के लिए और सख्ती करें।
सजा दर में बड़ा सुधार
उन्होंने बताया कि पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान एनडीपीएस (नशीले पदार्थों से जुड़े अपराध) मामलों में सजा की दर 58% थी, लेकिन आप सरकार के तीन वर्षों में यह बढ़कर 86% हो गई। कुछ जिलों में यह दर और भी ज्यादा है:
- एस.बी.एस. नगर में 99%
- रूपनगर में 95%
पुरानी सरकारों पर हमला
हरपाल सिंह चीमा ने अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकारों पर हमला बोलते हुए कहा कि 2007 से 2017 के बीच अकाली-भाजपा सरकार के समय पंजाब में पहली बार सिंथेटिक ड्रग “चिट्टा” पहुंचा। इसके बाद, कांग्रेस सरकार ने भी नशे पर लगाम लगाने में कोई ठोस कदम नहीं उठाए। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने कार्यकाल के दौरान नशे को खत्म करने के लिए कुछ नहीं किया।
पंजाब सरकार अब नशे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रही है और नशा तस्करों पर शिकंजा कस रही है। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि नशा बेचने या फैलाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में पंजाब सरकार राज्य को नशा मुक्त बनाने के लिए पूरी ताकत से काम कर रही है।