
बेंगलुरु, जिसे भारत का टेक्नोलॉजी हब कहा जाता है, लंबे समय से आईटी प्रोफेशनल्स के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां हजारों आईटी कर्मचारी काम करते हैं और शहर में पीजी और किराए के अपार्टमेंट्स में रहते हैं। लेकिन अब इस शहर के हालात पहले जैसे नहीं रहे।
बेंगलुरु के आईटी सेक्टर में नौकरी छूटने का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का तेजी से विकास बताया जा रहा है। एआई तकनीक के कारण कई कंपनियां कम कर्मचारियों में ही ज्यादा काम करवाने लगी हैं, जिससे हजारों आईटी कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में आ गई हैं।
50,000 से ज्यादा आईटी कर्मचारी हुए बेरोजगार
रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2024 की शुरुआत से अब तक 50,000 से ज्यादा आईटी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। इसका असर सिर्फ आईटी सेक्टर पर ही नहीं, बल्कि रियल एस्टेट, किराए के घरों और बाजार पर भी पड़ रहा है।
छंटनी का सबसे ज्यादा असर किस पर पड़ेगा?
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले महीनों में बेंगलुरु के आईटी सेक्टर में और बड़े पैमाने पर छंटनी हो सकती है। इसका सबसे ज्यादा असर नए और कम सैलरी पाने वाले कर्मचारियों पर पड़ेगा। खासतौर पर एंट्री लेवल के प्रोग्रामर और सॉफ्टवेयर टेस्टर्स पर खतरा मंडरा रहा है।
अब कंपनियां इन कर्मचारियों की जगह एआई सिस्टम्स को अपना रही हैं, जो खुद ही कोडिंग, डिबगिंग और सॉफ़्टवेयर ऑप्टिमाइज़ेशन कर सकते हैं। यह काम कम लागत में और तेज़ी से हो सकता है, जिससे कर्मचारियों की जरूरत कम होती जा रही है।
रियल एस्टेट और मकान मालिकों पर असर
बेंगलुरु में आईटी सेक्टर के कर्मचारी ज़्यादातर किराए के घरों या पीजी में रहते हैं। लेकिन अगर उनकी नौकरियां ही नहीं रहेंगी, तो वे अपने घर खाली कर देंगे। इससे पीजी मालिकों और किराए के अपार्टमेंट्स के मालिकों को बड़ा नुकसान होगा।
कई रियल एस्टेट निवेशकों ने आईटी कर्मचारियों के लिए अपार्टमेंट्स और पीजी बनाए थे। उन्होंने सोचा था कि ये कर्मचारी लंबे समय तक किराया देंगे, लेकिन अब अगर ये कर्मचारी ही नहीं रहेंगे, तो उनकी आमदनी का क्या होगा?
बाजार और स्थानीय व्यापार पर असर
आईटी कर्मचारियों की छंटनी से बेंगलुरु के स्थानीय व्यापारियों को भी बड़ा झटका लगेगा।
- रेस्टोरेंट्स, कैफे और शॉपिंग मॉल में आईटी कर्मचारियों की संख्या कम हो जाएगी, जिससे बिक्री घटेगी।
- ऑटो और कैब ड्राइवर्स को कम ग्राहक मिलेंगे, जिससे उनकी आमदनी पर असर पड़ेगा।
- रियल एस्टेट की कीमतें गिर सकती हैं, क्योंकि मकान खाली होने लगेंगे और किराए कम हो सकते हैं।
आने वाले समय में क्या होगा?
अगर एआई का विकास इसी रफ्तार से होता रहा, तो आईटी सेक्टर में नौकरी पाना और मुश्किल हो सकता है। कंपनियां कम लोगों में ज्यादा काम करवाने की कोशिश कर रही हैं, जिससे हजारों कर्मचारियों के रोजगार का संकट गहरा सकता है।
हालांकि, नई तकनीकों में कुशलता रखने वाले कर्मचारी इस बदलाव में भी अपनी जगह बना सकते हैं। जो लोग एआई, मशीन लर्निंग और नई तकनीकों में खुद को अपग्रेड करेंगे, उनके लिए आगे अवसर बने रहेंगे।
अब देखने वाली बात होगी कि क्या सरकार और कंपनियां इस स्थिति से निपटने के लिए कुछ समाधान निकालती हैं या नहीं।