
पंजाब के ट्रांसपोर्ट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने एक ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर का बिना किसी सूचना के औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने लाइसेंस बनवाने आए लोगों से ट्रैक पर दी जा रही सेवाओं को लेकर सीधा फीडबैक लिया। उनके साथ असिस्टेंट स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर सुखविंदर कुमार, रीजनल ट्रांसपोर्ट अफसर बलबीर राज सिंह और एआरटीओ विशाल गोयल भी मौजूद रहे।
ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया होगी आसान
मंत्री भुल्लर ने ऐलान किया कि पंजाब सरकार राज्य के सभी ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक्स पर दो कर्मचारी नियुक्त करेगी। ये कर्मचारी ऑनलाइन आवेदन करने वालों को मुफ्त सहायता देंगे। इससे आम लोगों को आवेदन की प्रक्रिया में आसानी होगी और एजेंटों की भूमिका खत्म होगी।
पिछली सरकारों को ठहराया जिम्मेदार
स्टाफ की कमी और भ्रष्टाचार की शिकायतों को लेकर भुल्लर ने कहा कि यह सब पिछली सरकारों की लापरवाही का नतीजा है। वर्षों से सरकारी विभागों में भर्ती नहीं हुई, जिससे कर्मचारियों की भारी कमी हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही नई भर्तियां की जाएंगी।
स्मार्ट चिप कंपनी पर बड़ी कार्रवाई
मंत्री ने बताया कि स्मार्ट चिप कंपनी की लापरवाही के चलते हजारों आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस पेंडिंग हैं। हाईकोर्ट ने पहले ही इस कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया है। अब सरकार कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर रही है। साथ ही कंपनी की 5 करोड़ रुपये की सिक्योरिटी ज़ब्त कर ली गई है और बाकी के 5 करोड़ के भुगतान पर रोक लगा दी गई है।
एजेंटों पर कार्रवाई पर उठाए सवाल
हाल ही में विजिलेंस विभाग द्वारा आरटीओ दफ्तरों और ड्राइविंग टेस्ट सेंटर्स पर छापे मारे गए थे, जिसके बाद कुछ अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया। मंत्री भुल्लर ने इस पर असहमति जताते हुए कहा कि सिर्फ एजेंटों को ही टारगेट किया गया, जबकि अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए थी।
जनता के लिए और सुविधाएं होंगी
मंत्री ने कहा कि बिनेकदारों को बैठने की जगह, पीने का पानी और छांव जैसी मूलभूत सुविधाएं देने के लिए स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर द्वारा 1.5 लाख रुपये जारी किए जाएंगे। अगर किसी सेंटर में कोई कमी रहती है, तो संबंधित विभाग लिखित मांग कर सकता है।
पूरे पंजाब में लागू होगा नया नियम
जालंधर के आरटीओ द्वारा भ्रष्टाचार रोकने के लिए जो मॉडल लागू किया गया है, उसे पूरे राज्य में अपनाया जाएगा। अब सुबह 9 बजे सभी स्टाफ के मोबाइल फोन जमा कर लिए जाएंगे और शाम 5 बजे दफ्तर बंद होने पर लौटाए जाएंगे। यह व्यवस्था पारदर्शिता लाने के लिए की जा रही है।
दलालों पर सख्ती, सिर्फ आवेदक को ही एंट्री
अब किसी भी ड्राइविंग टेस्ट सेंटर या आरटीओ दफ्तर में दलालों की एंट्री नहीं होगी। सिर्फ वही व्यक्ति जिसके नाम पर आवेदन है, उसे ही दस्तावेज चेक करके अंदर जाने की अनुमति मिलेगी। साथ ही, हर आवेदक को एक शपथ पत्र देना होगा कि उसने किसी एजेंट या कर्मचारी को रिश्वत नहीं दी है।
ड्राइविंग टेस्ट सिस्टम होगा और पारदर्शी
सरकार का मकसद है कि ड्राइविंग टेस्ट और लाइसेंस प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो। साथ ही जनता को किसी भी तरह की असुविधा न हो। भुल्लर ने भरोसा दिलाया कि दो महीने में पेंडिंग सभी आरसी और लाइसेंस को क्लियर कर दिया जाएगा।