केंद्रीय मंत्री Shivraj Singh Chouhan ने 32वें अंतर्राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्री सम्मेलन में भारत के कृषि क्षेत्र में की गई प्रगति पर जोर दिया। चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की कृषि वृद्धि लगातार विश्व में सबसे अधिक रही है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने और बढ़ती तापमान के कारण उत्पादन में कमी की गंभीर समस्या का समाधान करने की आवश्यकता है।
32वें अंतर्राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्री सम्मेलन में Shivraj Singh Chouhan का संबोधन
32वें अंतर्राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्री सम्मेलन (ICAE) का आयोजन आज दिल्ली में किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री Shivraj Singh Chouhan ने शनिवार को भारत के कृषि क्षेत्र में हुई प्रगति पर जोर दिया।
चौहान ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत की कृषि वृद्धि लगातार विश्व में सबसे उच्चतम रही है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, हमने उत्पादन बढ़ाने की कोशिश की है, लेकिन भारत ने यह भी सुनिश्चित किया है कि उत्पादन मानव स्वास्थ्य और मिट्टी की भलाई के लिए सुरक्षित हो।’
भविष्य की पीढ़ियों के बारे में भी सोचना होगा
चौहान ने अत्यधिक रासायनिक उर्वरक के उपयोग के प्रतिकूल प्रभावों को भी उजागर किया। उन्होंने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री वर्तमान में मानव स्वास्थ्य पर अत्यधिक रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से हो रहे निरंतर decline को लेकर चिंतित हैं। यही कारण है कि भारत अब प्राकृतिक खेती पर जोर दे रहा है। हमें पूरी तरह से भूख और कुपोषण को समाप्त करना है, जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटना है और बढ़ते तापमान के कारण उत्पादन में कमी की गंभीर समस्या का समाधान करना है। हमें आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के बारे में भी सोचना होगा।’
कृषि – भारत के लिए एक केंद्रीय ध्यान
नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद्र ने कृषि क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर बात की। उन्होंने कहा कि कृषि भारत के लिए केंद्रीय ध्यान केंद्रित रही है, और देश ने 2016-17 से 2022-23 के सात वर्षीय अवधि में ऐतिहासिक रूप से उच्च 5 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की है।
32वें अंतर्राष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्री सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस सम्मेलन में विश्वभर से कृषि क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों को एकत्रित किया गया और उद्योग के महत्वपूर्ण मुद्दों और भविष्य की दिशा पर चर्चा की गई।