
पंजाब के फाजिल्का जिले के जलालाबाद हलके से किसानों के लिए बड़ी और राहत भरी खबर सामने आई है। यहां के किसानों को 40 साल बाद पहली बार उनके खेतों के लिए सीधा नहर का पानी मिला है। सूखे खेतों में खेती करने वाले किसान अब पानी से लबालब खेत देखकर बेहद खुश हैं।
किसानों की मेहनत और लंबे संघर्ष की जीत
गांव सुहेलेवाला, ढाणी प्रेम सिंह और आसपास के इलाकों के किसान पिछले कई वर्षों से मांग कर रहे थे कि उनके खेतों तक सीधी नहर का पानी पहुंचाया जाए। अब जाकर उनकी यह मांग पूरी हुई है। यहां के किसानों – गुरमीत सिंह, सरपंच मलकीत सिंह, सुच्चा सिंह और बलजीत सिंह – ने बताया कि पहले उन्हें निजामवाह माइनर से पानी मिलता था, लेकिन यह पानी राजनीतिक पहुंच वाले लोगों के खेतों तक ही सीमित रह जाता था।
बाकी किसान मजबूरी में भूमिगत पानी (ट्यूबवेल) से ही खेती करते थे, जिससे पैदावार कमजोर रहती थी और जमीन की ताकत भी धीरे-धीरे कम हो रही थी।
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आम आदमी पार्टी सरकार के समय मिला समाधान
किसानों ने बताया कि उन्होंने अपनी मांग विधायक जगदीप कंबोज गोल्डी के सामने रखी। विधायक ने न केवल 23 करोड़ रुपये की लागत से 8 किलोमीटर लंबी सुहेलेवाला माइनर बनवाई, बल्कि जमीन अधिग्रहण की सभी कानूनी अड़चनों को भी हटाया।
यह नहर अब किसानों के खेतों तक पानी पहुंचा रही है। इससे फसलें बेहतर होंगी, ज़मीन उपजाऊ बनेगी, और किसानों की आमदनी में बड़ा इज़ाफा होगा।
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जमीन की कीमतें चार गुना बढ़ीं
पानी पहुंचने से खेती योग्य जमीन की कीमतों में भारी उछाल आया है। जो ज़मीन पहले 10 लाख रुपये प्रति एकड़ में बिकती थी, वह अब 40 लाख रुपये तक पहुंच गई है। किसानों का कहना है कि यह उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा है।
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विधायक गोल्डी कंबोज ने बताया संघर्ष की कहानी
विधायक गोल्डी कंबोज ने कहा कि इस योजना को लागू कराने में उन्हें कई राजनीतिक और कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ा। लेकिन उन्होंने सरकार के सामने किसानों की बात मजबूती से रखी और आखिरकार यह माइनर बनकर तैयार हो गई।
उन्होंने आगे बताया कि 14 गांवों के लगभग 5500 एकड़ इलाके को इस नहर के जरिए पानी मिलेगा। इसके साथ ही अंडरग्राउंड पाइपलाइन भी डाली जा रही है, जिससे खेतों तक लगातार पानी की आपूर्ति बनी रहे।
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गांवों में खुशी की लहर
इस सफलता के बाद पूरे इलाके में खुशी की लहर दौड़ गई है। किसानों ने विधायक और पंजाब सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि अब उन्हें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता कम हो गई है। उन्हें उम्मीद है कि खेती अब घाटे का नहीं, मुनाफे का सौदा बनेगी।
पंजाब के फाजिल्का में किसानों ने जो 40 सालों तक सूखे खेतों और संघर्ष भरे हालात झेले, उनका फल अब उन्हें मिला है। नहर का पानी पहुंचना केवल एक सुविधा नहीं, बल्कि किसानों के जीवन में बदलाव की शुरुआत है। यह दिखाता है कि जब सरकार और जनता मिलकर काम करें, तो बंजर ज़मीन भी सोना उगल सकती है।