
पंजाब की राजनीति में उस समय हलचल मच गई जब मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने अपने ही पार्टी के विधायक पर बड़ी कार्रवाई की। आम आदमी पार्टी के जालंधर से विधायक रमन अरोड़ा के ठिकानों पर भ्रष्टाचार के आरोप में रेड डाली गई।
सूत्रों के मुताबिक, रमन अरोड़ा पर आरोप है कि उन्होंने जालंधर नगर निगम के कुछ अफसरों के साथ मिलकर सामान्य लोगों को फर्जी नोटिस भेजे। ये नोटिस ज़्यादातर मकानों और दुकानों को लेकर होते थे, जिनमें अवैध निर्माण या टैक्स संबंधित बातें लिखी होती थीं।
लेकिन असली मक्सद इन नोटिसों के जरिए लोगों से पैसे वसूलना था।
बताया जा रहा है कि जब लोग डर कर विधायक या अफसरों के पास मदद के लिए पहुंचते, तो उनसे पैसे लेकर ये नोटिस रद्द कर दिए जाते थे। यानी एक तरह से ये रैकेट चल रहा था, जिसमें जनता को डराकर उनसे रिश्वत ली जाती थी।
इस पूरे मामले की जानकारी सरकार को मिली और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तुरंत एक्शन लिया। उन्होंने जांच एजेंसियों को आदेश दिए कि बिना किसी भेदभाव के इस मामले की गहराई से जांच हो और सच्चाई सामने लाई जाए।
सबसे बड़ी बात ये है कि मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि “भ्रष्टाचार करने वाले चाहे हमारी पार्टी में ही क्यों ना हों, बख्शा नहीं जाएगा।”
यह पहली बार है जब आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने ही विधायक पर इतनी सख्त कार्रवाई की है।
इस रेड के बाद पूरे राज्य में यह संदेश गया है कि मान सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है। जनता भी सरकार के इस कदम की सराहना कर रही है।
अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि जांच में और कौन-कौन से नाम सामने आते हैं और रमन अरोड़ा के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।