
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने केंद्र सरकार द्वारा भाखड़ा डैम पर 296 CISF (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) के जवानों की तैनाती के फैसले का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि यह फैसला पंजाब के हक में नहीं है और अगर केंद्र अपनी जिद पर अड़ा रहा, तो पंजाब सरकार इसका डटकर विरोध करेगी।
क्या है मामला?
संगरूर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम मान ने बताया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में एक चिट्ठी जारी की है जिसमें कहा गया है कि भाखड़ा डैम पर CISF के 296 जवान तैनात किए जाएंगे। इस तैनाती का सालाना खर्च करीब 8.58 करोड़ रुपये होगा और यह रकम या तो पंजाब सरकार या फिर भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) को देनी होगी।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब डैम की सुरक्षा पहले ही पंजाब पुलिस कर रही है और वो भी बिना किसी खर्च के, तो फिर CISF जवानों की क्या ज़रूरत है? उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम हरियाणा को जबरदस्ती पानी देने की कोशिश का हिस्सा है, और इससे पंजाब का हक मारा जा रहा है।
नीति आयोग की बैठक में उठाएंगे मुद्दा
सीएम मान ने यह भी ऐलान किया कि वह इस मसले को नीति आयोग की अगली बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उठाएंगे। उन्होंने पूछा कि जब सभी राज्यों को उनके हिस्से का पानी मिल रहा है, तो अब केंद्र सरकार को डैम पर फोर्स क्यों चाहिए? उन्होंने यह भी तंज कसा कि क्या यह 2026 के चुनाव से पहले ‘पानी की चोरी’ की तैयारी है?
न पानी देंगे, न पैसे
मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा कि न तो पंजाब किसी को एक बूंद भी फालतू पानी देगा, और न ही CISF जवानों की तैनाती के लिए पैसे। उन्होंने केंद्र सरकार पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब चुनाव के समय पंजाब पुलिस को ड्यूटी दी जाती है, तो केंद्र उसका खर्च क्यों नहीं उठाता?
पंजाब के भाजपा नेताओं से भी पूछे सवाल
मुख्यमंत्री मान ने पंजाब भाजपा के नेताओं से भी जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि जब विधानसभा और सर्वदलीय बैठक में भाजपा नेताओं ने पानी के मुद्दे पर सरकार का साथ देने का वादा किया था, तो अब इस चिट्ठी पर उनकी चुप्पी क्यों है? क्या उनकी सहमति से ही यह फैसला लिया गया?
सीएम मान ने कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़, मनप्रीत बादल और रवनीत बिट्टू जैसे भाजपा में गए पूर्व कांग्रेसी नेताओं से भी उनके रुख को लेकर जवाब मांगा है।
केंद्र पर लगातार हमले
भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह बार-बार पंजाब विरोधी फैसले ले रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब की कर्ज सीमा को घटा दिया गया है, RDF (रूरल डेवलपमेंट फंड) का पैसा रोका हुआ है और हर बार पंजाब के हितों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
सीएम की चेतावनी
सीएम मान ने चेतावनी दी कि अगर केंद्र सरकार डैम पर CISF की तैनाती करती है, तो पंजाब सरकार डैम के बाहर पंजाब पुलिस की तैनाती कर देगी। उन्होंने कहा कि ऐसे में BBMB के इंजीनियर जबरदस्ती पानी नहीं ले जा सकेंगे।
इस पूरे विवाद ने एक बार फिर पंजाब और केंद्र के बीच टकराव को बढ़ा दिया है। पंजाब सरकार जहां अपने हक के लिए अड़ी हुई है, वहीं केंद्र सरकार की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है।