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पंजाब और हरियाणा की खनौरी सीमा पर पिछले 45 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत बेहद नाजुक हो गई है। डल्लेवाल का रक्तचाप (बीपी) लगातार गिर रहा है, और डॉक्टरों ने कहा है कि उन्हें बोलने में भी दिक्कत हो रही है। उनकी स्थिति को देखते हुए उन्होंने अब किसी से मुलाकात करने से मना कर दिया है।
डॉक्टरों ने बुधवार को मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए बताया कि यदि डल्लेवाल की टांगें सीधी रखी जाती हैं, तो उनका रक्तचाप काफी कम हो जाता है। रक्तचाप को स्थिर बनाए रखने के लिए उनकी टांगों को ऊपर उठाकर रखना पड़ रहा है। उनकी कमजोरी इतनी बढ़ गई है कि बुधवार को पूरा दिन वे अपनी ट्रॉली में ही रहे।
डल्लेवाल ने अपने करीबी किसान नेता काका सिंह कोटड़ा के माध्यम से संदेश दिया है कि उनकी मृत्यु के बाद भी यह आंदोलन भूख हड़ताल के रूप में जारी रहना चाहिए। डल्लेवाल के पोते जिगरजोत सिंह ने निढाल पड़े अपने दादा को हौसला देते हुए कहा, “दादा जी, हमें यह मोर्चा जीतकर घर लौटना है।”
डल्लेवाल के बचपन के दोस्त और पूर्व फौजी सुखदेव सिंह ने बताया कि डल्लेवाल अपनी बात से कभी पीछे नहीं हटते। उन्होंने कहा, “जगजीत सिंह डल्लेवाल अपने विचारों के पक्के हैं और वह अंत तक इसी तरह डटे रहेंगे।” सुखदेव सिंह ने केंद्र सरकार से किसानों की मांगों को मानने की अपील की।
राजनीतिक समर्थन बढ़ा
इस बीच, समाजवादी पार्टी ने किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से पार्टी के सांसद और राष्ट्रीय महासचिव हरिंदर मलिक ने बुधवार को डल्लेवाल से मुलाकात की। उन्होंने किसान नेताओं की बातचीत पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव से फोन पर करवाई। अखिलेश यादव ने भरोसा दिलाया कि वे सभी राजनीतिक पार्टियों से संपर्क करेंगे और प्रयास करेंगे कि सभी दल अपने मतभेदों को भूलकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी कानून के मुद्दे पर एकजुट हों। उन्होंने कहा कि यह कदम किसानों की आत्महत्याओं को रोकने में मदद करेगा।
आंदोलन तेज करने की योजना
किसानों ने 10 जनवरी को देशभर में विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है। इस दौरान प्रधानमंत्री का पुतला जलाया जाएगा। इसके अलावा, 13 जनवरी को लोहड़ी के दिन केंद्र सरकार की कृषि विपणन नीति की प्रतियां जलाई जाएंगी। वहीं, 26 जनवरी को किसान बड़े पैमाने पर ट्रैक्टर मार्च निकालने की तैयारी कर रहे हैं।
किसान नेताओं ने आम जनता से अपील की है कि वे बड़ी संख्या में आंदोलन में शामिल हों और इसे सफल बनाएं। किसानों का कहना है कि एमएसपी गारंटी कानून लागू होने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
डल्लेवाल की हालत से बढ़ी चिंता
जगजीत सिंह डल्लेवाल की गंभीर हालत ने आंदोलन को नया मोड़ दे दिया है। किसान संगठनों का कहना है कि डल्लेवाल की खराब स्थिति के बावजूद केंद्र सरकार का चुप्पी साधे रहना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द कोई कदम नहीं उठाया, तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।
किसानों का यह आंदोलन एमएसपी गारंटी कानून और अन्य मांगों के लिए चल रहा है, और डल्लेवाल की दृढ़ता इसे मजबूती दे रही है। उनकी स्थिति ने न केवल आंदोलनकारियों बल्कि पूरे देश का ध्यान केंद्रित कर दिया है।