
भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान में एक बार फिर से धरती हिली है। रविवार सुबह करीब 6:33 बजे भूकंप के झटकों से लोग सहम गए। भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई। अच्छी बात ये रही कि इसका केंद्र जमीन से 135 किलोमीटर गहराई में था, जिस वजह से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने दी जानकारी
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने बताया कि अफगानिस्तान में आए इस भूकंप का केंद्र जमीन के अंदर काफी गहराई में था, जिससे झटके हल्के रहे और किसी बड़े खतरे से बचाव हो गया। इससे पहले शनिवार को भी अफगानिस्तान में दो भूकंप महसूस किए गए थे। एक की तीव्रता 4.2 और दूसरे की 4.5 थी।
लगातार बढ़ रही हैं भूकंप की घटनाएं
पिछले कुछ दिनों में सिर्फ अफगानिस्तान ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भारत, नेपाल, पाकिस्तान, तुर्की, ग्रीस और चीन जैसे देशों में भी धरती हिल चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार, धरती के अंदर हो रही टेक्टॉनिक प्लेट्स की हलचलें ही इन भूकंपों की वजह हैं।
लोग घरों से बाहर निकले
अफगानिस्तान के कई इलाकों में जैसे ही भूकंप के झटके महसूस हुए, लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, इस बार झटके ज्यादा तेज नहीं थे और गहराई में होने के कारण कोई इमारत नहीं गिरी। फिर भी लोगों में दहशत का माहौल देखा गया।
तैयार रहें, लेकिन घबराएं नहीं
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है जिसकी सटीक भविष्यवाणी नहीं की जा सकती, लेकिन सतर्कता और जागरूकता से हम नुकसान को कम कर सकते हैं। प्रशासन और लोगों को चाहिए कि वे किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहें और भूकंप सुरक्षा के नियमों का पालन करें।
हालांकि अफगानिस्तान में इस बार भूकंप से कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन बार-बार धरती का कांपना चिंता का विषय जरूर है। जरूरी है कि सभी देश मिलकर प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर तकनीक और योजनाएं तैयार करें।