
पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग ने हाल ही में अध्यापकों के ट्रांसफर से जुड़ी एक अहम सूचना जारी की है। यह निर्देश उन अध्यापकों और कर्मचारियों के लिए है जिनका तबादला हो चुका है, लेकिन अभी तक वे अपने पुराने स्कूलों से मुक्त नहीं हुए हैं या नए स्कूलों में शामिल नहीं हुए हैं।
क्यों लिया गया ये फैसला?
विभाग के अनुसार, बीते कुछ समय में कई अध्यापकों का ऑनलाइन ट्रांसफर किया गया, लेकिन इसके बावजूद बहुत से शिक्षक अपने नए स्थान पर ज्वाइन नहीं कर पाए हैं। इसके चलते कई स्कूलों में शिक्षक पद खाली पड़े हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ रहा है।
क्या है विभाग की नई व्यवस्था?
इस समस्या को हल करने के लिए स्कूल शिक्षा निदेशालय (सेकेंडरी) ने स्कूल मुखियों और डीडीओ (Drawing and Disbursing Officer) को उनके लॉगिन पोर्टल पर एक विशेष लिंक उपलब्ध करवाया है। यह लिंक 10 जून 2025 से 11 जून 2025 तक ही एक्टिव रहेगा।
इस लिंक के ज़रिए केवल उन अध्यापकों की जानकारी अपडेट करनी है:
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जिनका ट्रांसफर हो चुका है लेकिन
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50% स्टाफ की शर्त या अन्य विभागीय कारणों से उनका ट्रांसफर लागू नहीं हो सका।
उद्देश्य क्या है?
इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य यह है कि जिन स्कूलों में शिक्षक की कमी है, वहां तुरंत जरूरत के अनुसार स्टाफ उपलब्ध कराया जा सके। विभाग ने साफ कहा है कि इस डाटा को इकट्ठा कर तुरंत कार्रवाई की जाएगी ताकि कोई भी स्कूल पढ़ाई के मामले में प्रभावित न हो।
स्कूल प्रमुखों की जिम्मेदारी
विभाग ने सभी स्कूल प्रमुखों और डीडीओ को निर्देश दिया है कि वे समय पर इस लिंक पर जाकर ज़रूरी जानकारी अपडेट करें। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई हो सकती है।
छात्रों की पढ़ाई होगी बेहतर
इस नए कदम से उन स्कूलों में राहत मिलेगी जहां शिक्षक कम हैं। इससे न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि बच्चों को भी बेहतर पढ़ाई का माहौल मिलेगा।
पंजाब सरकार का यह कदम न केवल प्रशासनिक स्तर पर सुधार लाने की कोशिश है, बल्कि शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में भी एक मजबूत प्रयास है। समय पर ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी न होने से जो परेशानियां हो रही थीं, अब उनके समाधान की ओर पहला ठोस कदम बढ़ा दिया गया है।