जून 2024 के आखिरी हफ्ते में देश की प्रमुख निजी टेलीकॉम कंपनियों द्वारा मोबाइल टैरिफ में 10 से 21 फीसदी तक की बढ़ोतरी का असर अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। टैरिफ महंगे होने के कारण सितंबर 2024 तक लगातार तीसरे महीने इन कंपनियों के ग्राहकों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है। इस स्थिति में सबसे बड़ा झटका रिलायंस जियो को लगा है, जिसने लाखों ग्राहक गंवाए हैं। वहीं, सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल (BSNL) को इस दौरान फायदा हुआ है।
जियो के ग्राहकों में बड़ी गिरावट
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर 2024 में रिलायंस जियो के ग्राहकों की संख्या में 7.9 मिलियन (79 लाख) की गिरावट आई है। अगस्त 2024 में जियो के पास 47.17 करोड़ ग्राहक थे, जो सितंबर में घटकर 46.37 करोड़ रह गए। जियो के लिए यह बड़ी गिरावट कंपनी की टैरिफ बढ़ाने की नीति के खिलाफ ग्राहकों की प्रतिक्रिया को दर्शाती है।
वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल भी नहीं बच सके
जियो के अलावा वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल ने भी ग्राहकों की संख्या में गिरावट दर्ज की है।
- वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea): सितंबर 2024 में वोडाफोन आइडिया के 1.5 मिलियन (15 लाख) ग्राहक कम हुए। अगस्त में कंपनी के 21.40 करोड़ ग्राहक थे, जो घटकर 21.24 करोड़ रह गए।
- भारती एयरटेल (Bharti Airtel): एयरटेल के ग्राहकों में भी 1.4 मिलियन (14 लाख) की कमी आई है। अगस्त में एयरटेल के पास 38.34 करोड़ ग्राहक थे, जो सितंबर में घटकर 38.20 करोड़ हो गए।
BSNL ने किया प्रदर्शन बेहतर
जहां निजी टेलीकॉम कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा, वहीं सरकारी कंपनी बीएसएनएल ने सितंबर 2024 में ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की।
- सितंबर में बीएसएनएल के वायरलेस ग्राहकों की संख्या में 8.49 लाख की वृद्धि हुई।
- यह आंकड़ा बढ़कर 9.18 करोड़ ग्राहकों तक पहुंच गया।
- बीएसएनएल के टैरिफ में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जो ग्राहकों की बढ़ोतरी का मुख्य कारण माना जा रहा है।
टैरिफ बढ़ाने का असर
जून 2024 में निजी कंपनियों ने मोबाइल टैरिफ में 10 से 21 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। यह बढ़ोतरी जुलाई 2024 के पहले सप्ताह से लागू हुई।
- ग्राहकों के लिए मोबाइल सेवाओं का महंगा होना, विशेष रूप से प्रीपेड और पोस्टपेड प्लान्स में, ग्राहकों के टेलीकॉम ऑपरेटर बदलने का प्रमुख कारण बना।
- बीएसएनएल ने टैरिफ में कोई बढ़ोतरी नहीं की, जिससे ग्राहकों ने इसे एक बेहतर विकल्प माना।
- निजी कंपनियों की तुलना में बीएसएनएल के किफायती प्लान और सरकारी सेवाओं की भरोसेमंद छवि ने ग्राहकों को आकर्षित किया।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ में भारी बढ़ोतरी के कारण ग्राहकों ने अन्य विकल्पों की तलाश शुरू कर दी है।
- ग्राहक संतुलन: महंगे टैरिफ से खासकर प्रीपेड ग्राहक प्रभावित हुए हैं, जिन्होंने सस्ते विकल्पों जैसे बीएसएनएल की ओर रुख किया।
- प्रतिस्पर्धा का प्रभाव: बीएसएनएल के पास 4G और 5G सेवाओं की अपेक्षाकृत सीमित पहुंच होने के बावजूद, इसके किफायती प्लान ने इसे प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त दी है।
- ग्राहक खोने का डर: अगर निजी कंपनियां जल्द ही टैरिफ घटाने या वैल्यू-फॉर-मनी प्लान लाने में विफल रहीं, तो उन्हें और नुकसान हो सकता है।
आगे की राह
निजी टेलीकॉम कंपनियां अब अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार कर रही हैं।
- ग्राहकों को वापस आकर्षित करने के लिए नई योजनाएं और ऑफर्स लॉन्च किए जा सकते हैं।
- बीएसएनएल अपने 4G और 5G नेटवर्क को विस्तार देकर प्रतिस्पर्धा में बने रहने का प्रयास कर सकता है।
- सरकार को टेलीकॉम सेक्टर में संतुलन बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ सकता है।