
पंजाब सरकार द्वारा नशे के खिलाफ चलाई जा रही ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ मुहिम के अंतर्गत भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है। इसी अभियान के तहत फगवाड़ा से एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है, जहां पुलिस ने अपने ही विभाग के चार अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। इन पर नशा तस्कर को भगाने और बदले में रिश्वत लेने का आरोप है।
इस संबंध में डीआईजी जालंधर रेंज नवीन सिंगला ने जानकारी देते हुए बताया कि फगवाड़ा के सीआईए स्टाफ के इंचार्ज सब-इंस्पेक्टर (एसआई) बिशमन माही, एएसआई जसविंदर सिंह, एएसआई निर्मल सिंह और हेड कांस्टेबल जगरूप सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
डीआईजी सिंगला ने बताया कि कुछ दिन पहले इन अधिकारियों ने एक ड्रग सप्लायर को पकड़ा था, लेकिन उन्होंने उस आरोपी को फरार होने में मदद की। बदले में इन अफसरों ने आरोपी के परिवार से ढाई लाख रुपये रिश्वत ली। यह बात जैसे ही अधिकारियों के संज्ञान में आई, तुरंत कार्रवाई करते हुए चारों पुलिसकर्मियों को हिरासत में लिया गया।
इनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है और इन्हें गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड में लिया गया है ताकि आगे पूछताछ की जा सके।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस
डीआईजी सिंगला ने साफ कहा कि पंजाब सरकार की नीति बिल्कुल स्पष्ट है — भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस। चाहे कोई भी व्यक्ति हो, अगर वो कानून का उल्लंघन करता है या नशा कारोबारियों की मदद करता है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस मामले में किसी सीनियर पुलिस अधिकारी की संलिप्तता सामने आती है तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
काले भेड़ों की नहीं होगी जगह
डीआईजी ने आगे कहा कि पंजाब पुलिस विभाग में मौजूद ऐसी “काली भेड़ों” को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ हमारी लड़ाई सिर्फ तस्करों से नहीं है, बल्कि उन लोगों से भी है जो अपनी वर्दी का गलत इस्तेमाल कर समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
यह घटना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि पंजाब सरकार नशे और भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी तरह गंभीर है। नशा एक गंभीर सामाजिक बुराई है और अगर इसमें कानून के रखवाले भी शामिल हों, तो उन पर भी उतनी ही सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए। फगवाड़ा की यह कार्रवाई बाकी अधिकारियों के लिए एक चेतावनी है कि अगर कोई भी नशा तस्करों के साथ मिलकर काम करेगा, तो वह कानून की पकड़ से नहीं बच पाएगा।