
पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला पर बनी एक डॉक्यूमेंट्री को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। यह डॉक्यूमेंट्री 11 जून को मुंबई के जुहू इलाके में स्थित सोहो हाउस में दिखाई जानी थी, लेकिन मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने इस पर सख्त आपत्ति जताते हुए कानूनी नोटिस भेजा है। इसके साथ ही उन्होंने मुंबई पुलिस कमिश्नर और जुहू पुलिस स्टेशन को पत्र लिखकर स्क्रीनिंग को रोकने की मांग की है।
डॉक्यूमेंट्री पर आरोप
बलकौर सिंह का कहना है कि इस डॉक्यूमेंट्री में सिद्धू मूसेवाला की निजी जानकारी, उसकी आवाज़, तस्वीरें और हत्या से जुड़ी जांच की जानकारी को परिवार की इजाज़त के बिना दिखाया गया है। उनका आरोप है कि यह डॉक्यूमेंट्री न केवल गैरकानूनी है, बल्कि परिवार को मानसिक रूप से चोट पहुंचाने वाली है। इसके अलावा, यह सामग्री न्याय प्रक्रिया में भी बाधा बन सकती है।
कानूनी नोटिस में तीन मुख्य मांगे
मूसेवाला परिवार के लीगल काउंसलर एडवोकेट गुरविंदर सिंह संधू ने डॉक्यूमेंट्री की प्रोड्यूसर ईशलीन कौर और सीरीज प्रोड्यूसर अंकुर जैन को नोटिस भेजा है, जिसमें तीन प्रमुख मांगे रखी गई हैं:
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डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग और प्रचार को तुरंत रोका जाए।
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सिद्धू मूसेवाला के नाम, चेहरे, आवाज़ और जीवनकथा के उपयोग पर तुरंत रोक लगाई जाए।
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24 घंटे के भीतर सार्वजनिक माफीनामा जारी किया जाए।
नोटिस में यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर इन मांगों को पूरा नहीं किया गया तो डॉक्यूमेंट्री के निर्माताओं पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें हर्जाना, आपराधिक मुकदमे और कोर्ट से रोक लगाने की मांग शामिल होगी।
परिजनों को है आपत्ति
बलकौर सिंह का कहना है कि इस डॉक्यूमेंट्री में कई अपुष्ट तथ्य और अनुमानों को शामिल किया गया है, जिससे न केवल उनके बेटे की छवि को नुकसान पहुंच सकता है, बल्कि यह जांच प्रक्रिया को भी प्रभावित कर सकती है। उन्होंने कहा कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या को इस फिल्म में सनसनीखेज तरीके से दिखाने की कोशिश की गई है, जो मृतक की गरिमा के खिलाफ है।
बलकौर सिंह ने लिखा है कि यह प्रोग्राम बिना अनुमति के किया जा रहा है और इससे परिवार को मानसिक पीड़ा पहुंचेगी। साथ ही यह भी आरोप लगाया गया है कि इस डॉक्यूमेंट्री से जनता में भ्रम फैल सकता है और न्याय में देरी हो सकती है।
पुलिस को भेजी शिकायत
बलकौर सिंह ने 7 जून 2025 को मुंबई पुलिस कमिश्नर और जुहू पुलिस को पत्र लिखकर 11 जून को होने वाली स्क्रीनिंग को रोकने की अपील की है। उन्होंने मांग की है कि आयोजकों पर कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में किसी और की निजी जानकारी का इस तरह दुरुपयोग न हो।
सिद्धू मूसेवाला की मौत के बाद से ही उनके परिवार की भावनाएं बेहद संवेदनशील हैं। इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर उठे विवाद ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या किसी मशहूर व्यक्ति की कहानी बिना परिवार की मंजूरी के पब्लिक के सामने लाई जा सकती है? अब देखना होगा कि पुलिस और अदालत इस विवाद पर क्या रुख अपनाते हैं।