दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन कंपनी गूगल इन दिनों गहरे संकट का सामना कर रही है। हालांकि यह संकट फिलहाल प्रत्यक्ष नहीं दिखता, लेकिन वास्तविकता में गूगल को अब अन्य कंपनियों, विशेषकर OpenAI के ChatGPT से सख्त प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। OpenAI ने अपने अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित सर्च इंजन को लॉन्च कर गूगल के पारंपरिक सर्च इंजन मॉडल को सीधी चुनौती दी है। यह न केवल गूगल के लिए बल्कि उसकी मूल कंपनी अल्फाबेट के लिए भी एक गहरी चिंता का विषय है, क्योंकि गूगल का अधिकांश मुनाफा उसके सर्च इंजन और विज्ञापनों से आता है।
गूगल की कमाई पर असर
गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट अपने मुनाफे का मुख्य स्रोत गूगल सर्च और विज्ञापन से प्राप्त करती है। इस राजस्व मॉडल के कारण ही कंपनी अब तक सबसे बड़े टेक दिग्गजों में शुमार है। इसके बाद, कंपनी की आय का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत यूट्यूब है, लेकिन हाल ही में OpenAI के सर्च इंजन और अन्य AI प्लेटफार्मों के उभरने से गूगल के सर्च मॉडल की कमाई में संभावित कमी आई है। इस प्रकार की प्रतिस्पर्धा न केवल गूगल की आर्थिक स्थिरता के लिए चुनौती है, बल्कि भविष्य में कंपनी के व्यापारिक मॉडल पर भी सवाल खड़ा कर सकती है।
अल्फाबेट की मार्केट वैल्यू और OpenAI का बढ़ता प्रभाव
गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट की मार्केट वैल्यू 2.12 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 180 लाख करोड़ रुपये) के आसपास है, जो उसे सबसे मूल्यवान कंपनियों में शामिल करती है। गूगल की स्थापना सितंबर 1998 में हुई थी और तब से यह सर्च इंजन के क्षेत्र में लगभग एकाधिकार बनाए हुए है। दूसरी ओर, OpenAI की स्थापना महज 9 साल पहले 2015 में हुई थी और इसकी मार्केट वैल्यू अब 157 बिलियन डॉलर (लगभग 13 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच गई है। इस छोटी सी अवधि में ही OpenAI ने अपने AI उत्पादों, विशेषकर ChatGPT के जरिए, बाजार में एक मजबूत उपस्थिति दर्ज की है।
AI आधारित सर्च इंजन का भविष्य
OpenAI के ChatGPT जैसे AI आधारित सर्च इंजन ने न केवल यूजर्स को नई संभावनाएं दी हैं बल्कि सर्च इंजन के पारंपरिक तरीके में भी बदलाव लाने की कोशिश की है। ChatGPT एक इंटरैक्टिव और संवादात्मक सर्च अनुभव प्रदान करता है, जिसमें यूजर अपने सवालों का उत्तर प्राकृतिक और संवादी भाषा में पा सकते हैं। यह गूगल जैसे सर्च इंजन के पारंपरिक मॉडल से बिल्कुल अलग है, जो कीवर्ड्स पर आधारित सर्च रिज़ल्ट्स प्रदान करता है। ChatGPT का यह मॉडल न केवल अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल है बल्कि कई मामलों में अधिक प्रभावी भी साबित हो रहा है, जो गूगल के लिए बड़ा खतरा बन गया है।
गूगल का AI में जवाबी कदम
गूगल इस चुनौती को लेकर पूरी तरह सजग है और अपने AI आधारित प्रोजेक्ट्स पर भी तेजी से काम कर रहा है। कंपनी ने हाल ही में Google Bard और कई अन्य AI प्रोजेक्ट्स को लॉन्च किया है, जो ChatGPT जैसी क्षमताएं प्रदान करते हैं। इसके अलावा, गूगल सर्च में AI के नए फीचर्स जोड़कर इसे और भी बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा है। कंपनी ने सर्च इंजन में जेनरेटिव AI का समावेश कर यूजर्स को बेहतर और अधिक व्यक्तिगत अनुभव देने का प्रयास किया है। हालाँकि, बाजार में ChatGPT की लोकप्रियता को देखते हुए, गूगल को इस प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए AI को अधिक मजबूत और आकर्षक बनाना होगा।
सर्च इंजन की बदलती दुनिया और गूगल की रणनीति
गूगल के सर्च मॉडल में AI आधारित बदलाव निश्चित रूप से उसकी मजबूती का संकेत है, लेकिन ChatGPT जैसी AI कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा का यह दौर गूगल के लिए नई चुनौतियां भी प्रस्तुत करता है। गूगल को न केवल अपने सर्च इंजन में नवाचार लाना होगा बल्कि उपयोगकर्ताओं की बदलती जरूरतों के अनुसार अपनी रणनीति में भी सुधार करना होगा। ChatGPT जैसे प्लेटफार्मों ने AI आधारित संवादात्मक सर्च को एक नया आयाम दिया है, जो कि गूगल के लिए आगे की राह को और भी चुनौतीपूर्ण बना सकता है।